एससी-एसटी वर्ग के भारत बंद के बाद अब सवर्ण और ओबोसी वर्ग ने 10 अप्रैल को भारत बंद का आव्हान किया है। इस संबंध में उन्होंने सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई है। इसे देखते हुए सरकार और प्रशासन कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है। क्योंकि पिछले दिनों भारत बंद के दौरान ग्वालियर, भिंड और मुरैना में 8 लोगों की मौत हो गई थी।
नहीं बिगड़ने देंगे लॉ एंड आर्डर
आईजी लां एंड आर्डर मकरंद देउस्कर के मुताबिक ग्वालियर में हुई फायरिंग को देखते हुए अब प्रदेश का माहौल नहीं बिगड़ने देंगे। देउस्कर ने यह भी बताया कि ग्वालियर में फायरिंग करते हुए कैमरे में कैद होने वाले राजा चौहान की अभी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। भिंड, मुरैना में पिछले कई दिनों से लगे कर्फ्यू में गुरुवार को भी कुछ घंटों की ढील दी गई थी।
भोपाल में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए आईजी ने बताया कि मध्यप्रदेश में हुई इस हिंसा के बाद 141 प्रकरण दर्ज किए गए, जबकि उपद्रव में शामिल 361 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा अशोकनगर, गुना, दतिया, सागर, इंदौर, मंडला और बालाघाट में भी कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
देउस्कर के मुताबिक ग्वालियर, भिंड और मुरैना में हुए उपद्रव के दौरान कई लोग हथियारों के साथ शामिल थे। इस दौरान पुलिस के वीडियो में भी कैद हो गए, जिनकी पहचान कर तलाश की जा रही है। आईजी ने यह भी बताया कि अब तीनों ही जगह स्थिति नियंत्रण में है, अब कोई हिंसा नहीं हो रही है। हालांकि जहां रात का कर्फ्यू अब भी जारी है, वो भी जल्द ही हटा लिया जाएगा।
जवाब देने की रणनीति बनाएं
ग्वालियर-चंबल में हुई हिंसक घटना मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ गुरुवार को चर्चा की। इसमें 10 अप्रैल को सामान्य और पिछड़ा वर्ग के कथित प्रस्तावित भारत बंद और 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के कार्यक्रमों के मद्देनजर कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा की गई। चौहान ने कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। चौहान इस बात से काफई चिंतित दिखे कि जातियों के बीच भेदभाव बढ़ रहा है। यह शांतिपूर्ण माहौल के लिए ठीक नहीं है। संभवत: तीन दिन के लिए सीएस और डीजीपी ग्वालियर, भिंड और मुरैना जाएंगे।
बसपा के नेता बोले 1 करोड़ मिले मुआवजा
इधर, बहुजन संघर्ष दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष फूल सिंह बरैया ने राष्ट्रपति को पत्र लिककर कहा है कि मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में एससी-एसटी के लोगों के मोहल्लों, परिवारजनों और संबंधियों को कर्फ्यू के नाम पर पुलिस परेशान कर रही है। उन्हें सुरक्षा दी जाए और आंदोलन में मारे गए लोगों को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए।
रेलवे ने भी जारी किया अलर्ट
इस बीच रेलवे ने भी 10 अप्रैल को भारत बंद को देखते हुए अपने सुरक्षा बलों को अलर्ट जारी कर कहा है कि वे यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे की संपत्तियों की रक्षा के लिए किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे। गौरतलब है कि पिछले दिनों हुए भारत बंद के दौरान देशभर में हिंसा के दौरान कई आंदोलनकारियों ने रेलवे की पटरियों को उखाड़ दिया था और रेलवे स्टेशनों पर यात्री ट्रेनों पर पथराव तक कर दिया था। इसके अलावा कई ट्रेनों को रोककर आवाजाही प्रभावित की थी।