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घर आकर लेंगे स्वच्छता का फीडबैक, 10 सदस्यीय नई टीम पहुंची भोपाल

locationभोपालPublished: Jan 22, 2020 02:22:29 pm

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 – 10 सदस्यीय नई टीम 27 तक रहेगी भोपाल

स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ रहा निगम, अब आमजन के फीडबैक के 1500 अंक

स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम शहर में,स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ रहा निगम, अब आमजन के फीडबैक के 1500 अंक,स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम शहर में,स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 : देश के टॉप टेन में गुजरात के 3 शहर,स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 : देश के टॉप टेन में गुजरात के 3 शहर,स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ रहा निगम, अब आमजन के फीडबैक के 1500 अंक,स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ रहा निगम, अब आमजन के फीडबैक के 1500 अंक

भोपाल। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के तहत डायरेक्ट ऑब्जरवेशन के बाद डायरेक्ट फीडबैक लेने की कवायद शुरू होगी। इसके लिए दिल्ली से नई दस सदस्यीय टीम मंगलवार शाम को भोपाल पहुंची। अब तक जो ओवरऑल सर्वेक्षण कर रही थी, वह टीम रवाना हो गई है। मंगलवार दिन में टीम ने शहर में शौचालयों की स्थिति देखी। उनके साथ जलकार्य इंजीनियरों को लगाया गया था, ताकि पानी और सीवेज की स्थिति भी देख सकें। इतना नहीं, रवाना हुई टीम ने शहर में टूटी सडक़ और नालियों की स्थिति देखी और सेल्फी भी ली।

हर वार्ड से न्यूनतम 50 लोगों से फीडबैक लेने हैं। इसमें सही जवाब देने पर शहर की रैंकिंग बेहतर होगी। बताया जा रहा है कि नई टीम शहर में 27 जनवरी तक रहेगी। ये फीडबैक लेने के साथ कचरे के सेग्रिकेशन की स्थिति देखेंगे। ये शहर में गार्बेज पाइंट्स को सुंदर बनाए जाने की स्थिति भी देखेंगे। शहर के सीवेज सिस्टम से लेकर कचरे की रिसायकिलिंग को भी देखेंगे। इसके आधार पर अंक दिए जाएंगे। ओवर ऑल सर्वेक्षण की टीम ने रवाना होने के पहले मंगलवार को बिट्टन मार्केट मार्केट, एमपी नगर, पांच नंबर, सुभाष नगर व संबंधित क्षेत्रों में जाकर निरीक्षण किया।

बीआरटीएस किनारे ली सेल्फी

बाणगंगा के पास बीआरटीएस किनारे डक्ट टूटी हुई थी। यहां सुधार कार्य चल रहा था। निगम कर्मचारियों के साथ एक अन्य गाड़ी में टीम के सदस्य पहुंचे। उन्होंने यहां इस डक्ट व रोड सुधार कार्य के साथ खुद की सेल्फी भी ली। गौरतलब है कि सर्वेक्षण में सडक़ पर गड्ढे होने, फुटपाथ टूटे होने पर नंबर कटेंगे। यदि रोड सही है, फुटपाथ अच्छा है तो अंक मिलेंगे।

फोन पर भी पूछेंगे कैसी है सफाई

फीडबैक के तहत निगम ने शहरवासियों का मोबाइल नंबर समेत बड़ा डाटा टीम को दिया है। ये रेंडमली कॉल करके स्वच्छता पर आपसे सवाल जवाब ले सकती है। आप सफाई के पक्ष में जवाब देंगे तो शहर की रैंकिंग बेहतर होगी।

ये कारण जिनसे अब तक रैंकिंग में नंबर एक से दूर रहा भोपाल
– वार्ड स्तर के जनप्रतिनिधि दरोगा का गठजोड़।

– राजधानी के निगम आयुक्त का बेहद छोटा कार्यकाल जिससे प्रशासनिक मजबूती नहीं बन पाई।
– सफाई में सालाना 250 करोड़ रुपए का फंड तय, लेकिन ये राशि नहीं मिल पाती

– लंबे समय से लोअर स्टॉफ एक ही जगह पर जमा है, जिससे सफाई में पूरी रूचि नहीं ली जाती।
नोट- जैसा सफाई से जुड़े एक्सपर्ट्स ने बताया।

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