scriptमार्च के बाद संविदा से भरे जाएंगे खाली हुए 10 हजार पद | 10 thousand vacant posts will be filled by contract After March,2020 | Patrika News

मार्च के बाद संविदा से भरे जाएंगे खाली हुए 10 हजार पद

locationभोपालPublished: Feb 15, 2020 10:20:40 am

MP में संविदा नियुक्तियां करने का प्रस्ताव तैयार…

मार्च के बाद संविदा से भरे जाएंगे खाली हुए 10 हजार पद

मार्च के बाद संविदा से भरे जाएंगे खाली हुए 10 हजार पद

भोपाल। प्रदेश में मार्च के बाद एक साल के अंदर 10 हजार से अधिक कर्मचारी-अधिकारी सेवानिवृत्त होंगे। दरअसल, पिछली भाजपा सरकार ने राज्य कर्मचारी-अधिकारियों की सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी थी। अब इनकी सेवानिवृत्ति होना शुरू हो जाएगी। सरकार को नई नियुक्तियां करना होगा।

वित्त विभाग ने तत्कालिक तौर पर संविदा नियुक्तियां करने का प्रस्ताव तैयार किया है। साथ ही सीधी भर्ती के पदों पर नई भर्तियां शुरू करने का भी रोस्टर बनाने की तैयारी है। सबसे ज्यादा छह हजार से अधिक अधिकारी-कर्मचारी 31 मार्च को रिटायर होंगे।

इनमें स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अधिक हैं। यहां पैरामेडिकल स्टाफ और चिकित्सकों के ढाई हजार पदों पर नियुक्ति की तैयारी है। इनमें पैरामेडिकल के 1500 पदों पर नियुक्तियां शामिल हैं।

जबकि, डॉक्टरों के 1000 पदों पर नियुक्ति होना हैं। इनमें से कुछ पद संविदा और कुछ पर नियमित नियुक्ति होगी। कुछ ऐसी ही स्थिति पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय निकाय, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, आयुष विभागों की हैं।

विभिन्न विभागों के छह हजार से अधिक पदों पर नियुक्तियां होना हैं। जबकि इस साल 10 हजार से अधिक पद रिक्त हो रहे हैं। सरकार का प्रयास है कि इन चार हजार पदों के रिक्त रहने के बाद भी काम-काज सुचारू रूप से चलता रहे।
कर्मचारियों के रिटायरमेंट को देखते हुए सरकार से आग्रह किया है कि खाली पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करे।
– वीरेंद्र खोंगल, सदस्य, राज्य कर्मचारी आयोग

दस वर्ष में चार गुना बढ़ा पेंशन का बोझ
वर्ष : पेंशन
2013-14 : 5931.74
2014-15 : 6836.48
2015-16 : 7818.69
2016-17 : 8793.16
2017-18 : 9290.25
2018-19 : 12668.66
2019-20 : 13617.08
2020-21 : 15931.99
2021-22 : 18640.42
2012-23 : 21809.30
(पेंशन करोड़ रुपए में।)
पेंशन भी सरकार के लिए बड़ा बोझ
प्र देश सरकार के लिए अधिकारी-कर्मचारियों की पेंशन बड़ा बोझ है। सरकार को रिटायर कर्मचारियों को पेंशन के तौर पर प्रतिवर्ष 13 हजार करोड़ रुपए खर्च करना पड़ते हैं। जबकि, यदि कर्मचारी काम करते रहते हैं तो पेंशन को बोझ नहीं आएगा, बल्कि विभागों में अमले का टोटा भी नहीं होगा। चालू वित्तीय वर्ष में सरकार ने पेंशन के लिए बजट में 13617.08 करोड़ रुपए बजट में रखे हैं। जबकि अगले वित्तीय वर्ष में यह बोझ ढाई हजार करोड़ रुपए और बढ़ जाएगा।
मैं रिटायरमेंट एज बढ़ाने के पक्ष में नहीं हूं। खाली पदों पर नए लोगों को मौका मिलना चाहिए। जहां तक संविदा पर अधिकारी-कर्मचारियों को नियुक्त करने का सवाल है तो इसके लिए नियम बने हैं।
– डॉ. गोविंद सिंह, मंत्री, सामान्य प्रशासन
राज्य के खजाने की स्थिति किसी से छिपी नहीं है, इसलिए सरकार का फोकस खर्च कम करने को लेकर है। कागजी योजनाएं बंद होंगी। इससे बड़ी बचत होगी। विभागों में नियुक्तियां भी होंगी।
– तरुण भनोत, मंत्री, वित्त
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