रीवा में अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना ने अपनी पूरी क्षमता से ऊर्जा उत्पादन शुरू कर दिया है। यह विश्व की बड़ी सौर परियोजना में से एक है। इससे 750 मेगावॉट बिजली प्रतिदिन बन रही है। इससे पैदा होने वाली बिजली प्रदेश की बिजली वितरण कम्पनियों को दिए जाने के अलावा दिल्ली मेट्रो को भी दी जा रही है।
ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी पर अनूठी सोलर फ्लोटिंग परियोजना स्थापित की जा रही है। इसके लिए वर्ल्ड बैंक द्वारा सर्वे चालू कर दिया गया है। इसकी लागत 3 हजार करोड़ रूपये होगी और ऊर्जा उत्पादन क्षमता 600 मेगावॉट होगी।
मध्यप्रदेश में किसानों को सिंचाई के लिए अनुदान पर सोलर पम्प दिए जा रहे हैं, जिससे सिंचाई के खर्च में काफी कमी आ रही है। प्रदेश के विकास रोडमेप 2023 के अंतर्गत किसानों के खेतों में 45 हजार सोलर पम्प लगाए जाएंगे। अभी तक 22 हजार 673 सोलर पम्प लगाए गए हैं। सोलर पम्प योजना से ऐसे किसान भी लाभान्वित हो रहे हैं, जिनके खेतों तक बिजली नहीं पहुँच रही है।
प्रदेश के नीमच, शाजापुर, आगर, मुरैना, छतरपुर एवं सागर जिलों में सोलर पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इन पर लगभग 18 हजार करोड़ रूपए का व्यय होगा तथा इनकी क्षमता 4 हजार 500 मेगावॉट सोलर बिजली उत्पादन की होगी।