script10 से 19 साल के बच्चे 14425 पर फोन घुमाएं यहां मिलेंगे आपको अपने सवालों के जवाब | 10 to 19 year olds turn the phone on 14425, you will find answers | Patrika News

10 से 19 साल के बच्चे 14425 पर फोन घुमाएं यहां मिलेंगे आपको अपने सवालों के जवाब

locationभोपालPublished: Jan 14, 2020 01:37:18 pm

उमंग किशोर हेल्पलाइन का शुभारंभ: बच्चों में किशोरावस्था के दौरान कई बदलाव आते हैं, कई सवाल ऐसे होते हैं जिनके बारे में वे किसी से पूछ नहीं पाते, ऐसे बच्चों के लिए मददगार होगी हेल्पलाइन

10 से 19 साल के बच्चे 14425 पर फोन घुमाएं यहां मिलेंगे आपको अपने सवालों के जवाब

10 से 19 साल के बच्चे 14425 पर फोन घुमाएं यहां मिलेंगे आपको अपने सवालों के जवाब

भोपाल. 10 से 19 साल के बच्चों में शारीरिक और मानसिक बदलाव आते हैं, उनका समाधान बच्चा खुद नहीं कर पाता है। कुछ प्रश्न ऐसे होते हैं जो वह न तो शिक्षक से कर पाता है, न माता-पिता से। ऐसे बच्चे अब 14425 पर फोन करके अपनी पहचान गोपनीय रखते हुए अपने सवाल, अपनी समस्याओं को बता सकेंगे। यह बात स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने प्रशासन अकादमी में सोमवार को उमंग किशोर हेल्पलाइन का शुभारंभ करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी, आयुक्त जयश्री कियावत, आरएसी फांउडेशन से देवाशीष मिश्रा एवं यूएनएफपीए की अर्जेंटीना मार्टिनवेल हिक्किम सहित प्रदेश भर से आए जिला शिक्षा अधिकारी एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक कॉल कर सकेंगे
स्कूल शिक्षा विभाग, मप्र सरकार और यूएनएफपी के संयुक्त तत्वाधान में राज्य स्तरीय किशोर हेल्पलाइन पर विद्यार्थी सोमवार से शनिवार तक सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक कॉल करके पा सकेंगे। आरएसी के देवाशीष मिश्रा ने बताया कि भोपाल में रशीदिया स्कूल कैम्पस में बनाए गए आधुनिक कॉल सेंटर में आठ काउंसलर पदस्थ किए गए हैं। इन काउंसलर की ट्रेनिंग मुम्बई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस में कराई गई है। काउंसलर्स को तनाव मुक्त रखने के लिए भी खास व्यवस्थाएं की गई हैं।
सही और गलत में फर्क नहीं कर पाते बच्चे
आयुक्त रश्मि अरुण शमी ने कहा कि किशोर होते बच्चों को कई सवालों के जवाब किताबों से लेकर औपचारिक शिक्षा या परिवार से नहीं मिल पाते हैं, ऐसे सवालों के जवाब बच्चों को मिलते भी हैं तो विकृत तरीके से मिलते हैं। जिससे वे सही और गलत में फर्क नहीं कर पाते। ऐसे सवालों के जबाव अब हेल्पलाइन से मिल सकेंगे। प्रायोगिक तौर पर छतरपुर में शुरुआत में ही सैकड़ों कॉल आए जिसके आधार पर अब पूरे प्रदेश में इसे लॉन्च कर दिया गया है। टेलीफोनिक काउंसलिंग से आगे बढ़ते हुए विद्यार्थियों को आमने-सामने की काउंसलिंग देने के लिए प्रदेश में प्रत्येक विकासखंड स्तर पर एक परामर्श केन्द्र की स्थापना की जाएगी। इन परामर्श केन्द्रों में प्रशिक्षित परामर्शदाताओं की सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
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