सब मीटर में उनकी बिजली खपत भले से 100 यूनिट के आसपास हो, लेकिन रीडिंग मुख्य मीटर के आधार पर ही हो रही। उसमें 150 यूनिट से अधिक खपत पहुंच रही है और किराएदारों को बिजली के लिए प्रतियूनिट सात रुपए से आठ रुपए तक का भुगतान करना पड़ रहा है। इस समय शहर में एक लाख के करीब किराएदार परिवार है। इन्हें इनका लाभ नहीं होगा।
ले सकते हैं अलग कनेक् शन एक परिसर में दो या इससे अधिक बिजली कनेक् शन भी िलए जा सकते हैं। अभी नियमों में बदलाव नहीं है। पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के जीएम व पॉवर इंजीनियर्स एसोसिएशन के वीकेएस परिहार का कहना है कि योजना का लाभ लेने किराएदार भी अलग कनेक् शन ले सकते हैं। उनके अनुसार शासन ने योजना का लाभ तो शुरू कर दिया है, अब सब्सिडी की राशि तय समय पर कंपनियों को दे दें तो कंपनियों का आर्थिक स्थिति खराब नहीं होगी।
बंद पड़े दस हजार आवासों को लाभ 100 यूनिट के 100 रुपए बिल का सबसे अधिक लाभ बंद व खाली पड़े आवासों के कनेक् शनों को मिल रहा है। अब तक बिजली की खपत नहीं होने पर भी न्यूनतम चार्ज, फिक्सचार्ज, मीटर किराया और अन्य तरह के चार्ज मिलकर 300 रुपए से 400 रुपए तक बिल बन जाता था। अब तय हो गया है कि बंद आवासों का बिल 100 रुपए ही देना होगा। ऐसे में प्रतिमकान नयूनतम 200 रुपए की बचत हो रही है। शहर में ऐसे करीब दस हजार कनेक् शन है, जिनके परिसर बंद रहते हैं। इन्हें सीधा लाभ मिलना शुरू हो गया है।
इन्हें 100 का मिला बिल बाग मुगालिया निवासी उमाशंकर तिवारी को 106 रुपए का बिल प्राप्त हुआ। इनकी बिजली खपत 107 यूनिट थी। तय टैरिफ से ऊर्जा प्रभार 411 रुपए बना। इसमें 106 रुपए नियत प्रभार, 32 रुपए ईंधन प्रभार, 30 रुपए विद्युत शुल्क, दस रुपए मीटर किराया भी शामिल किया। कुल बिल 591 रुपए का बना। इसमें इंदिरा गृह ज्योति योजना की 485 रुपए सब्सिडी दी गई, जिससे बिल 106 रुपए ही आया। 21 अक्टूबर तक इसे जमा करना है। इसी तरह होशंगाबाद रोड, मिसरोद, विद्यानगर, नारायण नगर, चिनार फाच्र्यून सिटी में भी बिल आए।