विभाग का कहना है कि प्रदेश के ग्वालियर शहर में ऐसा पानी ज्यादा बिक रहा है। यहीं कारण है कि अब तक की कार्रवाई में ग्वालियर में 8 से 10 फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की गई है।
पानी की बोतल पर यदि आइएसआइ मार्क लगा है तो सही आइएसआइ मार्क के ऊपर आइएस 14543 और मार्क के नीचे सीएम/एल- लाइसेंस नंबर लिखा होना चाहिए।
तो जुर्माना लगेागा प्रदेश में ऐसे कारोबारियों के खिलाफ भारतीय मानक ब्यूरो ने अभियान चलाया है। पिछले करीब एक माह में विभाग ने पानी पैक करने वाली करीब डेढ़ दर्जन फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की है। सैम्पल लेकर लैब में जांच करवाई जा रही है। यदि सैम्पल फेल होता है तो फैक्ट्री संचालकों पर बीआइएस एक्ट 2016 के तहत भारी जुर्माना लगाने के साथ फैक्ट्री सील करने जैसी कार्रवाई होगी।
पैक्ड पानी का मध्यप्रदेश में अनुमानित 10 करोड़ का कारोबार अकेले अप्रैल-मई में होने का अनुमान है। भोपाल में एक करोड़ रुपए से अधिक का पैकिंग वाला पानी इन दो माह में बिकने की संभावना व्यक्त की जा रही है। कार्यालय और सार्वजनिक समारोहों में इसकी डिमांड रहती है।
प्रीति भटनागर, वैज्ञानिक एवं प्रमुख भारतीय मानक ब्यूरो, भोपाल