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भोपाल में गोलमाल : लाइसेंस 200 और फैक्ट्रियां हजार से ज्यादा

locationभोपालPublished: Apr 20, 2018 09:42:45 am

Submitted by:

dinesh Binole

बोतलबंद पानी में मुनाफे का खेल, बिना आइएसआइ मार्क के बिक रहा पानी

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भोपाल. तेज गर्मी के साथ ही बोतलबंद पानी वालों का खेल शुरू हो गया है। कतिपय कारोबारी बिना आइएसआइ मार्क के पानी बेच रहे हैं। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) की तरफ से बताया गया कि प्रदेश में इस समय पानी की पैकिंग कर विक्रय करने वाले 200 रजिस्टर्ड लाइसेंसी है। फैक्ट्रियों की संख्या 1000 से ऊपर है। नियमानुसार बिना आइएसआइ मार्का लगाए पानी की पैकिंग और उसका विक्रय नहीं किया जा सकता। विभाग का कहना है कि बिना आइएसआइ मार्का का पानी का कारोबार दो से तीन गुना ज्यादा बढ़ जाता है।

बोतलबंद पानी में मुनाफे का खेल, बिना आइएसआइ मार्क के बिक रहा पानी

ग्वालियर में कार्रवाई
विभाग का कहना है कि प्रदेश के ग्वालियर शहर में ऐसा पानी ज्यादा बिक रहा है। यहीं कारण है कि अब तक की कार्रवाई में ग्वालियर में 8 से 10 फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की गई है।
देखें आइएसआइ मार्क
पानी की बोतल पर यदि आइएसआइ मार्क लगा है तो सही आइएसआइ मार्क के ऊपर आइएस 14543 और मार्क के नीचे सीएम/एल- लाइसेंस नंबर लिखा होना चाहिए।
तो जुर्माना लगेागा

प्रदेश में ऐसे कारोबारियों के खिलाफ भारतीय मानक ब्यूरो ने अभियान चलाया है। पिछले करीब एक माह में विभाग ने पानी पैक करने वाली करीब डेढ़ दर्जन फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की है। सैम्पल लेकर लैब में जांच करवाई जा रही है। यदि सैम्पल फेल होता है तो फैक्ट्री संचालकों पर बीआइएस एक्ट 2016 के तहत भारी जुर्माना लगाने के साथ फैक्ट्री सील करने जैसी कार्रवाई होगी।
10 करोड़ का कारोबार
पैक्ड पानी का मध्यप्रदेश में अनुमानित 10 करोड़ का कारोबार अकेले अप्रैल-मई में होने का अनुमान है। भोपाल में एक करोड़ रुपए से अधिक का पैकिंग वाला पानी इन दो माह में बिकने की संभावना व्यक्त की जा रही है। कार्यालय और सार्वजनिक समारोहों में इसकी डिमांड रहती है।
पैकिंग करके पानी बेचने वालों के खिलाफ विभाग ने सख्त एक्शन लिया है। ग्वालियर, इंदौर में कार्रवाई करके एक दर्जन से अधिक सैंपल लिए हैं। सैंपल फेल होने पर बीआइएस एक्ट 2016 के तहत जुर्माना और फैक्ट्री सील जैसी कार्रवाई की जाएगी।
प्रीति भटनागर, वैज्ञानिक एवं प्रमुख भारतीय मानक ब्यूरो, भोपाल
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