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गारंटी पीरियड में उखड़ी 1000 किमी सड़कें, 55 ठेकेदार ब्लैक लिस्टेड

locationभोपालPublished: Oct 14, 2019 09:34:55 pm

Submitted by:

anil chaudhary

– मरम्मत में लगेंगे 229 करोड़ रुपए

roaddamagebarankota

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भोपाल. प्रदेश में भारी बारिश से वे सड़कें भी उखड़ गईं, जो पिछले पांच के दौरान बनी हैं। ऐसी 1081 किलोमीटर सड़कें अभी तक सामने आ चुकी हैं। इन सड़कों की मरम्मत पर 229 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। सरकार ने ये सड़कें बनाने वाले 55 ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड कर दिया है। सरकार ने माना है कि पांच साल के अंदर सड़कों के क्षतिग्रस्त होने का कारण उनकी गुणवत्ता में कमी है। इसके लिए विस्तृत समीक्षा की जा रही है। जांच में जिन सड़कों की गुणवत्ता में कमी पाई जाएगी, उनके ठेकेदारों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
– सबसे ज्यादा भोपाल और उज्जैन में
बारिश से सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त सड़कें उज्जैन इलाके में 258.06 और भोपाल में 204.54 किलोमीटर हैं। इन्हें सुधारने में उज्जैन के लिए 30.52 करोड़ और भोपाल पर 18.17 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। इसी तरह ग्वालियर-चंबल इलाके की 56.75 किलोमीटर सड़कें खराब हुई हैं, जिनकी मरम्मत में 38.93 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इंदौर क्षेत्र की 37.95 किमी सड़कों में सुधार की आवश्यकता है, जिसमें 12.24 करोड़ रुपए व्यय होंगे। जबलपुर की 21.95 किमी सड़कों की मरम्मत के लिए 1.42 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। रीवा में 50.10 किलोमीटर की सड़कें खराब हुई हैं। इन पर 5.32 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। सागर की 68.60 किलोमीटर सड़कों को सुधारने में 30.98 करोड़ रुपए सरकार खर्च करने जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग की 23.43 किलोमीटर पर 2.41 करोड़ रुपए का व्यय आएगा। राज्य मार्ग की 360 किलोमीटर सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई हैं, उनको सुधारने में 90 करोड़ रुपए खर्च होंगे।


– 26 सड़कें ओएमटी के तहत संचालित होंगी
सरकार ने लोगों को राहत देते हुए प्रथम चरण में 26 सड़कों को ओएमटी यानी ऑपरेशन, मैनेजमेंट एंड ट्रांसफर के तहत संचालित करने का फैसला किया है। इनकी लंबाई 1623 किलोमीटर है। यह सभी टोल सड़कें होंगी, जिन पर व्यावसायिक वाहनों से ही टोल वसूला जाएगा। निजी वाहन कार-जीप समेत सभी चार पाहिया वाहन टोल मुक्त होंगे।
– पांच सालों की कार्ययोजना
पीडब्ल्यूडी ने अगले पांच सालों की कार्ययोजना भी तैयार की है। इसके तहत 400 बड़े और मध्यम पुल बनाए जाएंगे। रेलवे क्रॉसिंग पर 55 ओवरब्रिज का निर्माण किया जाएगा। इन पर सरकार 5540 करोड़ रुपए खर्च करेगी। सरकार ने क्षतिग्रस्त मार्गों में तात्कालिक रूप से सुधार कार्य शुरू कर दिया है। पेच रिपेयर के लिए भी एजेंसी तय कर दी गई है। ईई को हर दूसरे दिन सड़क मरम्मत कार्य का निरीक्षण करना होगा जबकि चीफ इंजीनियर को सप्ताह में दो बार मरम्मत के कामों की समीक्षा करने के निर्देश जारी किए गए हैं। स्पेशल सेल का गठन कर इन सभी कार्यों की रोजाना समीक्षा की जा रही है। सभी संभागों में सड़कों की मरम्मत कार्यों के लिए साप्ताहिक लक्ष्य तय किए गए हैं। साथ ही इनकी निगरानी में कोताही बरतने वालों की भी जवाबदेही तय की जा रही है।

सड़कों के पांच सालों में ही क्षतिग्रस्त होने का कारण उनकी गुणवत्ता में कमी है। इसके लिए विस्तृत समीक्षा की जा रही है। जिन सड़कों में गुणवत्ता की कमी पाई जाएगी, उनके ठेकेदारों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। अभी ऐसी 1000 किलोमीटर सड़कें खराब पाई गई हैं। 55 ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड कर निलंबित किया गया है।
– सज्जन सिंह वर्मा, मंत्री, पीडब्ल्यूडी

 

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