scriptचुनाव नामांकन से पहले पकड़ाए 11 करोड़ रुपए | 11 crore rupees Get caught before election nomination | Patrika News

चुनाव नामांकन से पहले पकड़ाए 11 करोड़ रुपए

locationभोपालPublished: Nov 07, 2018 09:21:10 am

Submitted by:

Ashok gautam

कालाधन रोकने की नोटबंदी 2013 में पूरे चुनाव के दौरान पांच करोड़ रुपए हुए थे जब्त

news

चुनाव नामांकन से पहले पकड़ाए 11 करोड़ रुपए

भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो साल पहले नकदी प्रवाह कम करने और हवाला कारोबार रोकने के लिए नोटबंदी की थी। इसका बाजार पर व्यापक असर दिखा। अब विधानसभा चुनाव के वक्त जांच में मिल रहे नोटों से भरे सूटकेसों ने इसकी पोल खोल दी है। उम्मीदवारों के नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही प्रदेश में 11 करोड़ से अधिक की नकदी बरामद हो चुकी है।

चुनाव में धनबल का इस्तेमाल रोकने बनाए नियम….

ये 2013 के पूरे चुनाव के दौरान जब्त किए गए नकदी से दोगुनी है। खुफिया सूचनाओं और वाहनों की तलाशी में तीन करोड़ से अधिक की कीमत का सोना भी जब्त हुआ है। आयकर विभाग इस धन के स्रोत की जांच कर रहा है। चुनाव में धनबल का इस्तेमाल रोकने आयोग ने नियम बनाए हैं।

 

 

इधर से उधर कर रहे बड़ी रकम…
पैसों की अवैध आवाजाही रोकने जिला प्रशासन की सघन चेकिंग के साथ ही आयकर व वाणिज्यिक कर की टीमें नजर रखे हुए हैं। आम नागरिकों के लिए भी 50 हजार रुपए से अधिक की रकम लेकर चलने पर रोक लगी हुई है। इसके बाद भी लोगों में इसका खौफ नहीं है और धड़ल्ले से बड़ी रकम इधर से उधर कर रहे हैं।
चुनाव प्रभावित करने के लिए ले जा रहे थे पैसे…
2013 में पूरे चुनाव के दौरान पांच करोड़ रुपए की बरामदगी की गई थी, लेकिन इस बार यह आंकड़ा सोमवार को 11 करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच गया। आशंका है कि इसमें से अधिकांश पैसा चुनाव प्रभावित करने के लिए ले जाया जा रहा था।
राज्य के बाहर से आ रहा धन…
जिला प्रशासन की जब्ती और बरामदगी की अधिकतर कार्रवाई राजस्थान, गुजरात और उत्तरप्रदेश से लगे सीमाई इलाके में की गई है। सबसे अधिक एक करोड़ की रुपए मुरैना में पकड़े गए थे। बाद में बताया गया कि ये रकम आगरा के व्यापारी लेकर जा रहे थे।
जिला प्रशासन इस जवाब से संतुष्ट नहीं है और मामला आयकर विभाग की इंवेस्टीगेशन विंग को सौंप दिया है। आठ करोड़ रुपए से अधिक के मामले आयकर विभाग को भेजे जा चुके हैं।

 

कालाधन तो नहीं, हो रही जांच…
बरामद नकदी पर आयोग की भी नजर है। उसने इंफोर्समेंट एजेंसियों से कहा है कि पता लगाएं कि ये कालाधन तो नहीं है। ये जांच करने के निर्देश भी दिए हैं कि इसको चुनाव में खपाने की तैयारी तो नहीं थी।

हालांकि, अभी तक जितनी भी बरामदगी हुई है, उसे कारोबारियों से ही जोड़ा जा रहा है, पर जवाब किसी का भी संतोषजनक नहीं आया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो