डोबरा गांव में तिराहे का नाम रखने की बात पर मीणा एवं पाल समाज के परिवारों के बीच विवाद में गोली चलने पर शुभम मीणा (24) की मौत होने और आधा दर्जन लोगों के घायल होने के बाद पुलिस पर घटनास्थल पर देरी से पहुंचने के आरोप लगे थे। लेकिन घटना के 48 घंटे बाद भी हत्या के प्रमुख आरोपियों सहित एक दर्जन के फरार होने से एक बार फिर पीडि़त पुलिस जांच पर सवाल उठा रहे हैं।
मृतक शुभम के बड़े भाई शेर सिंह ने बताया कि अधिकारियों ने हमसे कहा था 24 घंटे के अंदर सारे आरोपी जेल में होंगे लेकिन अब तक मामूली चार लोगों को छोड़कर सभी मुख्य हमलावर फरार हैं। आरोपी पंचायत सचिव निर्मल पाल का ढाबा भी है, जिसके चलते उसके पुलिसकर्मियों से संबंध है। घटना के समय लापरवाही के बाद पुलिस अब भी सख्ती नहीं कर रही है।
गांव में आया आरोपी लखनपाल
आरोपी लखन पाल का घर गांव के आखिरी छोर पर है। ग्रामीणों ने बताया कि, शुक्रवार दोपहर 12 बजे वह खेतों के रास्ते अपनी डेयरी पर आया इसके बाद घर के अंदर गया। गांव वालों ने लखन को गांव में घूमते देखा तो पुलिस को सूचना दी। थाने से बताया गया कि फोर्स आ रही है। इसके बाद पीडि़त के परिवार ने गांव में तैनात पुलिसकर्मियों से उसे पकडऩे को कहा तो पुलिसकर्मियों ने कहा यह हमारा काम नहीं थाने से फोर्स आ रही है। लगभग आधे घंटे बाद पुलिस पहुंची तब तक लखन फरार हो गया। इसी तरह अन्य आरोपी सौदान पाल के घर पर ताला डला होने के बावजूद गाय भैंसों को चारा डालने से लेकर दूध तक निकाला जा रहा है। कई आरोपियों की गाय भैंसों को निजी वाहन में भरकर कहीं ले जाया गया लेकिन पुलिस ने पीछा तो दूर पूछताछ तक नहीं की।
वर्जन
हमले के एक दर्जन आरोपी फरार है, जिनकी तलाश में टीमें बनाकर छापामार कार्रवाई की जा रही है। कहां किस तरह तलाश रहे है यह बताने से आरोपी सचेत हो सकते है।
एके वर्मा, एसडीओपी, बैरसिया