प्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश के अनुसार भोपाल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष कृष्णमोहन सोनी, मप्र राज्य प्रवासी श्रमिक आयोग के अध्यक्ष भागचंद्र उईके, मप्र योग आयोग के अध्यक्ष वेदप्रकाश शर्मा, श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष भगवानदास गोंडाने, बांस विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष घनश्याम पुरोनिया, माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष रामदयाल प्रजापति, मप्र राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष रफत वारसी और मप्र राज्य स्तरीय कोल विकास प्राधिकरण अध्यक्ष रामलाल रोतेले को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है।
इसके अलावा सरकार कुछ उपाध्यक्षों को राज्य मंत्री का दर्जा भी दिया है। जिन बोर्ड, प्राधिकारणों के उपाध्यक्षों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है उनमें राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के उपाध्यक्ष नंदराम कुशवाहा, भोपाल विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सुनील पांडे और भोपाल विकास प्राधिकरण के एक अन्य उपाध्यक्ष . अनिल अग्रवाल तथा इंदौर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राकेश शुक्ला शामिल हैं।
सियासी समीकरण साधने बनाए अध्यक्ष, उपाध्यक्ष
बोर्ड, निगमों, मंडलों, विकास प्राधिकरणों और आयोग आदि में उन वरिष्ठ बीजेपी नेताओं को नियुक्त किया गया है जिन्हें पार्टी आगामी चुनाव में विधानसभा टिकट नहीं देना चाहती पर उन्हें संतुष्ट भी रखना चाहती है। इनमें कई सिंधिया समर्थक नेता भी हैं जोकि कांग्रेस से बीजेपी में आ गए थे। प्रदेश की बीजेपी सरकार ने अब तक ऐसी 46 नेताओं की नियुक्ति की है।