मुंबई के जेजे कॉलेज ऑफ आर्ट में प्रोफेसर अनंत नीकम शिविर में शामिल हुए हैं। उनका कहना है कि मैं पिछले 25 सालों से इससे जुड़ा हूं। भारत भवन में मेरे 22 आर्ट वर्क भी डिस्प्ले हैं। मैं एग्जीबिशन में जिंक प्लेट में इचिंग कर रहा हूं। इसमें धातु की प्लेट पर मोम की कोटिंग कर वर्क किया जाता है। मोम की कोटिंग को धीरे-धीरे निकाल कर तेजाब डाला जाता है। इसके बाद खाली हुई जगह पर कलर्स से डिफरेंट सेप दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि छापा कला में वुड वर्क, लिथो वर्क, इचिंग, स्क्रीन प्रिंटिंग, इनग्रेविंग वुड, फिगरेटिव वर्क, लिथो स्टोन, सेलिग्राफी आदि विधाओं में वर्क किया जाता है।
इंसान की फिलिंग्स को समझना होगा नई दिल्ली से आई संगीत पाठक 1986 से छापा कला से जुड़ी हैं। उन्होंने बताया कि मैं यहां ग्राोफिक्स में इचिंग वर्क कर रही हूं। मैं लिथो वर्क, फिगरेटिव, वुड कट, लीनो कट, सेलिग्राम में भी वर्क करती हूं। मैं यहां अपने वर्क से यह दिखना चाहती हूं कि इंसान की फिलिंग्स को अब अपने ही नहीं समझते। इस कारण अपने अपनों से दूर हो रहे हैं।
मोबाइल नेटवर्क से चिड़िया को खतरा
मोबाइल नेटवर्क से चिड़िया को खतरा
कलकत्ता से आए अतिन बसक पिछले 26 साल से इस विधा से जुड़े हैं। अतिन यहां ग्राफिक्स वर्क में चिडिय़ा की जिंदगी को दिखा रहे हैं। अतिन का कहना है कि मोबाइल नेटवर्क के अनुसार चिड़िया खत्म होती जा रही है। यदि ध्यान नहीं दिया गया तो अगले 20 सालों में इनका अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्राफिक्स वर्क में प्रिंटिंग से बिल्कुल उलट प्रक्रिया होती है।