भोपाल

प्रदेश के 14 लाख किसानों के खाते में अब सीधे जाएगा समर्थन मूल्य का पैसा

खाद्य विभाग ने समितियों को किया साइड लाइनकहा-समिति प्रबंधक खरीदी के तुरंत बाद डिजिटल हस्ताक्षर कर बैंकों को भेंजे किसानों की सू

भोपालJan 23, 2019 / 10:40 am

Ashok gautam

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भोपाल। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग अब खुद धान, गेहूं खरीदी के तुरंत बाद किसानों के खाते में सीधे राशि भेजेगा। विभाग ने किसानों को राशि भुगतान से सहकारी समितियों को अलग कर दिया है।
 

विभाग ने समिति प्रबंधकों से कहा है कि वे खरीदी के तुरंत बाद डिजिटल हस्ताक्षर कर बैंकों को किसानों की सूची भेंजे, जिससे बिना किसी देरी के किसानों को भुगतान किया जा सके।
इसकी मुख्य वजह यह है कि अनाज खरीदी के महीनों बाद भी किसानों को समितियां भुगतान नहीं करती थी।
प्रदेश में धान खरीदी की जा रही है। किसानों ने सरकार से इस बात की शिकायत की कि धान खरीदी के 15-20 दिन बाद भी समितियां भुगतान नहीं कर रही हैं। इसको लेकर खाद्य विभाग ने किसानों के मोबाइल नम्बर और आधार नम्बर लेकर किसानों के खाते में सीधे भुगतान करना शुरू कर दिया है।
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के भुगतान से 70 फीसदी किसानों को भुगतान एक हफ्ते के अंदर किया गया है। जैसे ही समितियां किसानों से खरीदी की जानकारी बैंकों को दे रही हैं, वैसे ही उनको भुगतान बैंक करते जा रहे हैं। जिन किसानों के आधार और बैंक खाते मिल नहीं रहे थे अथवा किसानों के बैंक खाते ही नहीं थे उनका भुगतान नहीं हो पाया है। जैसे ही समितियां किसानों से खरीदी की जानकारी बैंकों को दे रही हैं, वैसे ही उनको भूगतान बैंक करते जा रहे हैं।
अब तक करीब 16 लाख टन धान खरीदी गई है, जिसका भुगतान बैंकों के माध्यम से किया गया है। गेहूं खरीदी में भी इस व्यवस्था को यथावत रख जाएगा, 15 लाख किसानों को तुरंत भुगतान का लाभ मिलेगा। गेहूं खरीदी खरीदी के लिए किसानों का रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है, इसके लिए किसानों से मोबाइल, बैंक एकाउंट के साथ ही आधार नम्बर भी लिए जा रहे हैं।
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नहीं जा रही है जानधन खाते में राशि
प्रदेश में करीब 20 हजार से अधिक किसानों के खाते में राशि नहीं जा रही है। इसकी मुख्य वजह यह है कि इन किसानों के बैंक एकाउंट जनधन योजना के तरह खोले गए थे।
इमें एक बार में अधिकतम ५० हजार रुपए ही डाले जा सकते हैं, इस पर भी बैंक के साफ्टवेयर अपडेट होने और उनके खाते में राशि स्थानांतरित होने में दिक्कत आती है। विभाग ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक कर उसके बैंक खातों में राशि ट्रांसफर के संबंध में अगल से कोई व्यवस्था करें।

खाद्य विभाग अब खुद किसानों को भुगतान कर रहा है। इसक शुरूआत धान खरीदी से की गई है। विभाग की यह कोशिश है कि किसानों को अनाज बिक्री के तुरंत बाद ही राशि का भुगतान हो।
धान और गेहूं खरीदी के लिए बैंकों को एडवांस में राशि दी जाएगी, जिससे उन्हें किसानों को भुगतान करने में किसी तरह की दिक्कत न आए।
श्रमन शुक्ला,
कमिश्नर, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग
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