भोपाल

अच्छी नौकरी की बजाय समाज की दिशा बदलने उतरे ये युवा

– पांच साल पहले दरिंदगी की एक घटना के बाद शिक्षा के सहारे बदलाव लाने की पहल – पीएचडी, एमबीए, बीई सहित करीब 150 लोग हैं शामिल

भोपालJul 01, 2018 / 10:03 am

शकील खान

अच्छी नौकरी की बजाय समाज की दिशा बदलने उतरे ये युवा

भोपाल. उच्च शिक्षा हासिल कर जहां ज्यादातर युवा अच्छी नौकरी और बेहतर कॅरियर तराशने में जुट जाते हैं वहीं शहर में कुछ ऐसे युवा हैं जो शिक्षा के जरिए समाज की दिशा बदलने के प्रयास में हैं। करीब पांच साल सामने आई एक बच्ची के साथ अमानवीय कृत्य की एक घटना के बाद इसकी शुरुआत हुई। मकसद था तालीम के जरिए लोगों की सोच में परिवर्तन।

शहर में करीब 150 युवा ऐसे हैं जो कटारा हिल्स, कांकडा स्लम एरिया, बैरागढ़, तुलसी नगर में स्लम के बच्चों को शिक्षा देने का काम कर रहे हैं। मौलाना आजाद प्रौद्योगिकी संस्थान से पीएचडी कर रहे विजय पाटीदार ने बताया कि तीन सालों से राजधानी में ये अभियान चल रहा है। शुरूआत अकेले ही की थी। धीरे-धीरे कई और लोग जुड़ते चले गए। ऐसे बच्चे जो स्कूल में शिक्षा हैं उन पर विशेष ध्यान हैं।

इस ग्रुप में से विकास सक्सेना कटारा हिल्स क्षेत्र में करीब 20 बच्चों को पढ़ा रहे हैं। विकास एक्सेस बैंक में नौकरी करते हैं। छुट्टी के दिन ये दो घंटे इन बच्चों को पढ़ाते हैं। बैरागढ़ निवासी पहल रमानी बैरागढ़ क्षेत्र में गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए काम कर रही हैं। इस ग्रुप के साथ ये जुड़ी है। एमबीए करने के बाद शिक्षा के जरिए लोगों में बदलाव के उद्देश्य से ये इससे जुड़ी हैं।

 

ऐसे करते हैं काम
ये सभी युवा शहर के अलग-अलग हिस्सों में हैं। दिशांजलि एजुकेशन एवं वेलफेयर सोसायटी के तहत इन्हें जोड़ा गया। सप्ताह दो दिन सभी अपने आसपास की बस्ती में जाकर बच्चों को शिक्षित करने में जुटे है। इसके लिए कटारा, तुलसी नगर, इंडस्ट्रियल एरिया, मैनिट केे पास स्लम एरिया सहित कुछ जगह चयनित की हैं। जहां ये क्लास चलती हैं। वर्तमान में समर कैम्प एक्टिविटी भी कराई जा रही है। इसके अलावा नवोदय की प्रवेश परीक्षा की तैयारी भी बच्चों को कराई जा रही है।

 

professionals

टीच फॉर इंडिया ने किया चयन
इस टीम के काम को देख देशभर में शिक्षा के प्रसार के लिए काम कर रही संस्था टीच फॉर इंडिया ने इस टीम को चुना है। प्रदेश से ये एकलौती टीम है। संस्था इन्हें पढ़ाई के नए तरीके के बारे में बताएगी साथ ही इस काम में मदद भी करेगी।

सुपर 30 की तर्ज पर शुरुआत
विजय बताते हैं पांच साल पहले सुपर 30 की तर्ज पर इंदौर में 30 विद्यार्थियों के साथ इसे शुरू किया था। ये विद्यार्थी अब 10वीं और इसके आगे निकल गए हैं। नतीजे अच्छे मिले। इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया तो कई लोग जुड़ गए। भोपाल में तीन साल पहले इसे शुरू किया गया था। शिक्षा के साथ बच्चों को हुनरमंद भी बनाना उद्देश्य है। राखी और इस तरह के दूसरे सामान बनाने भी सिखाया गया था।

 

स्लम एरिया और पिछड़े क्षेत्र के बच्चों को शिक्षित करने करीब पांच साल पहले शुरुआत की थी। अब करीब 150 लोगों की एक टीम तैयार हो गई हैं। इसमें उच्च शिक्षा युवाओं ने लेकर नौकरी पेशा भी हैं। से सप्ताह में दो दिन शहर के अलग-अलग हिस्सों में बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं।
इं. विजय पाटीदार, संयोजक दिशांजलि एजुकेशन वेलफेयर

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