टिकट के लिए सोशल मीडिया पर एकाउंट होने की अनिवार्यता करने के बाद कांग्रेस में टिकट को लेकर घमासान तेज हो गया था। जिन सीटों पर भाजपा के बड़े नेता चुनाव लड़ेंगे, उन पर कांग्रेस नामों की घोषणा नामांकन के वक्त ही करेगी। वहीं,
पार्टी ने टिकट के लिए फेसबुक पर 15 हजार लाइक्स और ट्विटर पर पांच हजार फॉलोवर्स की अनिवार्यता वाला फरमान वापस ले लिया है। दरअसल, इस फरमान के बाद प्रदेश में आइटी कंपनियां सक्रिय हो गई थीं, जो मोटी रकम लेकर लाइक्स और फॉलोवर्स बनाने का ऑफर दे रही थीं। इस पर विवाद हुआ था।
– नोएडा की कंपनी ने भेजी रेट लिस्ट
नोएडा की एक आइटी कंपनी ने दावेदारों को जो मैसेज किए हैं, उनमें लिखा है कि सात दिन में फेसबुक पर 15 हजार लाइक्स कर दिए जाएंगे। इसकी फीस 10 हजार रुपए है। इसके अलावा ट्विटर पर 15 दिनों में पांच हजार फॉलोवर्स बना दिए जाएंगे। इसके लिए दावेदार को 15 हजार रुपए चुकाने होंगे।
– विशेष सीटों पर खास तैयारी
प्रत्याशियों को अपने पाले में खींचने की भाजपा की रणनीति की आशंका पर कांग्रेस विशेष सावधानी बरत रही है। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक जिन सीटों पर भाजपा के बड़े नेता प्रत्याशी होंगे, उन पर कांग्रेस उम्मीदवारों की घोषणा नामांकन के वक्त ही करेगी। पार्टी ने तय किया है कि चुनाव की घोषणा के बाद ऐसे उम्मीदवारों को संकेत दे दिया जाएगा। प्रदेश के प्रत्याशियों के पैनलों की छंटाई का पहला दौर पूरा हो गया है और जल्द ही एक सूची केन्द्रीय चुनाव समिति को भेज दी जाएगी।
– विधायकों कट सकते हैं टिकट
चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस में सिटिंग-गेटिंग फॉर्मूला नहीं है। यानी हर सिंटिंग एमएलए को टिकट देना जरूरी नहीं है। सिंधिया ने एक सभा में पवई के विधायक मुकेश नायक का हाथ उठाकर उनको 50 हजार से ज्यादा वोट से जिताने की अपील भी लोगों से की। इस तरह उम्मीदवार घोषित करने पर भी कांग्रेस के अंदर विवाद शुरू हो गए हैं।
सोशल मीडिया पर सक्रियता के नियमों को लेकर पदाधिकारियों के बीच विचार किया जा रहा है, जिसके बाद नियमों में संशोधन किया जाएगा। मुझे किसी आइटी कंपनी ने एप्रोच नहीं किया है।
– चंद्रप्रभाष शेखर, संगठन प्रभारी, कांग्रेस