ये है मामला राजधानी सहित आसपास के जिलों में तैनात सरकारी शिक्षकों को डाइट के जरिए पीजीबीटी कॉलेज से बीएड कराया जा रहा है। एक बैच में करीब 150 शिक्षकों को दाखिला दिया जाता है। दो वर्ष का पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद एक बैच का हाल में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय से रिजल्ट जारी हुआ। जिसमें सभी डेढ़ सौ शिक्षक को फेल बताया गया। इसमें प्रेक्टिकल के अंक ही नहीं थे।
अब इस गलती का ठीकरा एक बीयू और डाइट एक दूसरे पर फोड़ रहे हैं। लेकिन इस नूराकुश्ती के बीच इन शिक्षकों का नुकसान हो गया। इन्हें सुधरे हुए नतीजों के बीएड योग्यताधारी होने के लिए अब तीन से चार माह का इंतजार करना पड़ सकता है। इस मामले बरकतउल्ला विवि के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें शिक्षकों के जो अंक भेजे गए थे उसी के आधार पर रिजल्ट तैयार कर जारी कर दिया गया। अगर प्रेक्टिकल के अंक मिले होते वे भी जोड़े जाते।
नहीं जुड़ पाई बीएड की योग्यता
फेल होने के कारण शिक्षकों के रिकार्ड में बीएड योग्यता नहीं जुड़ पाई। एक शिक्षक ने बताया कि हाल में उनका विभागीय रिकार्ड अपडेट किया गया था। अगर बीएड में पास हो जाते तो ये योग्यता उनकी प्रोफाइल में शामिल हो जाती। इन्हें अब तीन से चार माह का इंतजार करना पड़ सकता है। संशोधित नतीजे आने के बाद भी ये बीएडधारी कहलाएंगे।
फेल होने के कारण शिक्षकों के रिकार्ड में बीएड योग्यता नहीं जुड़ पाई। एक शिक्षक ने बताया कि हाल में उनका विभागीय रिकार्ड अपडेट किया गया था। अगर बीएड में पास हो जाते तो ये योग्यता उनकी प्रोफाइल में शामिल हो जाती। इन्हें अब तीन से चार माह का इंतजार करना पड़ सकता है। संशोधित नतीजे आने के बाद भी ये बीएडधारी कहलाएंगे।
……….. हमने अपनी तरफ से प्रेक्टिकल के अंक भेज दिए थे लेकिन विश्वविद्यालय ने इसे जोड़ा ही नहीं। ये विश्वविद्यालय की गलती के कारण हुआ है। आरके स्वर्णकार, प्राचार्य पीजीबीटी