रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश 2018 में देश में बच्चों के सबसे ज्यादा अपहरण दर्ज करने वाले प्रदेशों में तीसरे पायदान पर रहा। प्रदेश मे कुल 7951 बच्चों का अपहरण दर्ज किया गया जिसमें से 72.53 फीसदी लड़कियां थीं। यह जानकारी गुरुवार को चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राय) संस्था ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए।
क्राय की क्षेत्रीय निदेशक सोहा मोइत्रा ने बताया कि 2018 में अपहरण का शिकार हुई लड़कियों में से 89 फीसदी की आयु 12 से 18 वर्ष के बीच थी। कई बार इस आयु वर्ग की लड़कियों को बाल श्रम, घरेलू व्यापार और यहां तक कि यौन व्यापार में धकेल दिया जाता है। उन्होंने बताया कि नाबालिग लड़कियों के अपहरण के मामलों में पांच साल में (2014-2018) 27 फीसदी की वृद्धि हुई है।
एनसीआरबी 2018 के अनुसार वर्ष 2014 में अपहरण का शिकार हुई नाबालिग लड़कियों की संख्या 4546 थी जो 2018 में बढकऱ 5767 हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में एक वर्ष में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामलों में 55.8 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2017 में प्रदेश में इस अधिनियम के तहत 1569 मामले दर्ज किए गए थे जो 2018 में बढकऱ 2445 हो गए।
यही नहीं मध्यप्रदेश में नाबालिग से बलात्कार के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए। 2018 में मध्यप्रदेश में 2830 नाबालिगों से बलात्कार के मामले दर्ज हुए।