भोपाल

ऐसी जेल जहां अपराधी बन रहे पंडित, रिहा होने के बाद कराएंगे 16 संस्कार

सजा काट रहे बंदी जब जेल से रिहा होकर बाहर निकलेंगे, वे खुद तो अपराध की दुनिया छोड़ चुके होंगे, साथ ही वे अब लोगों को भी धर्म का पाठ पढ़ाएंगे और 16 संस्कारों का आयोजन भी करवाएंगे। जानिये ऐसा क्यों हो रहा है।

भोपालMar 04, 2022 / 08:32 am

Subodh Tripathi

ऐसी जेल जहां अपराधी बन रहे पंडित, रिहा होने के बाद कराएंगे 16 संस्कार

भोपाल. ये बात आपको सुनकर भी हैरानी होगी कि अपराधी पंडित बनेंगे, लेकिन ये सच है, मध्यप्रदेश में सेंट्रल जेल में विभिन्न अपराधों में सजा काट रहे बंदी जब जेल से रिहा होकर बाहर निकलेंगे, वे खुद तो अपराध की दुनिया छोड़ चुके होंगे, साथ ही वे अब लोगों को भी धर्म का पाठ पढ़ाएंगे और 16 संस्कारों का आयोजन भी करवाएंगे। जानिये ऐसा क्यों हो रहा है।

दरअसल जेल प्रबंधन का एक ही लक्ष्य रहता है कि कोई भी कैदी सजा काटने के बाद सामान्य व्यक्ति की जीवन जीए और अपराध को हमेशा के लिए छोड़ दे, इसी के तहत सेंट्रल जेल के करीब 100 कैदियों को पंडित बनाया जा रहा है, उन्हें गायत्री परिवार के आचार्यों के माध्यम से ज्ञान दिया जा रहा है, इसके तहत पहले चरण में 50 फिर दूसरे चरण में 50 बंदियों को पंडित बनाया जा रहा है, इसके लिए उन्हें हिंदी और संस्कृत भाषा में विभिन्न श्लोक, मंत्र आदि सीखाए जा रहे हैं।

 


जेल से बाहर निकलकर कमाएंगे पैसा
जेल प्रबंधन द्वारा गायत्री परिवार के आचार्यों से सम्पर्क कर बंदियों को ज्ञान दिया जा रहा है, उनके द्वारा ऐसे बंदियों का चयन किया गया, जो हिंदी और संस्कृत का अच्छा ज्ञान रखते हैं, वहीं शिक्षित भी हैं, ऐसे करीब 50 कैदियों को वैदिक मंत्रों का ज्ञान देने के साथ ही विभिन्न 16 संस्कारों का आयोजन करवाने का ज्ञान दिया जा रहा है, ताकि जब वे जेल से बाहर निकले, तो लोगों द्वारा बुलाए जाने पर घर-घर जाकर ये कार्य करें और पैसा भी कमाएं। गायत्री परिवार से जुड़े रमेश नागर ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर अभी कैदियों को तिथियों, व्रत, उपवास से जुड़े पूजा पाठ, उनका महत्व और उन्हें करने का तरीका बताया जा रहा है, इसके बाद सीढ़ी दर सीढ़ी उन्हें सम्पूर्ण ज्ञान दिया जाएगा।

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ये भी सीखा रहे
बंदियों को जेल में मंत्रौच्चारण के साथ ही पूजा कराने का तरीका, पूजा में लगने वाली सामग्रियों की जानकारी, पूजा के दौरान बोले जाने वाले प्रमुख मंत्र, किस पूजा में कौन सा फल, फूल और सामग्री का उपयोग होता है आदि जानकारी के साथ भजन भी सीखाए जा रहे हैं, इसी के साथ उन्हें यज्ञोपवित, मुंडन, विवाह, गृह प्रवेश, नामकरण आदि 16 संस्कारों का ज्ञान दिया जाएगा, पूरी ज्ञान देने के बाद उनसे उस बारे में पूछा जाएगा, जिससे ये भी पता चलेगा कि उन्होंने कितना सीखा है, अगर कुछ कमी नजर आएगी, तो फिर उन्हें सीखाया जाएगा। गायत्री परिवार के प्रशिक्षित पुरोहित श्रवण गीते, पंचानन शर्मा, सुरेश कवड़कर, सदानंद अंबेकर रामाराव, कुसुमलाल, एमपी कुशवाह, रघुनाथ प्रसाद हजारी, राहु श्रीवास्तव, दयानंद समेले, राजेश राय आदि आचार्यों और पंडितों द्वारा बंदियों को पंडित बनाया जा रहा है।

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