scriptचांदपुर में 25 हेक्टेयर में शिफ्ट होनी है 170 आरा मशीनें, इसके बाद मेट्रो की राह होगी आसान | 170 saw machines to be shifted in 25 hectares in Chandpur, after this | Patrika News

चांदपुर में 25 हेक्टेयर में शिफ्ट होनी है 170 आरा मशीनें, इसके बाद मेट्रो की राह होगी आसान

locationभोपालPublished: Oct 27, 2021 09:27:14 pm

– 1950 से पहले बसा है टिंबर बाजार, अब आ गया है भीड़ भाड़ में, बाजार के नीचे अंडर ग्राउंड जाएगी मेट्रो
– चांदपुर में जहां होनी है शिफ्टिंग वहां जमीन के दो केस कोर्ट में, इस कारण मामला अटका, तीन हिस्सों में जमीन

चांदपुर में 25 हेक्टेयर में शिफ्ट होनी है 170 आरा मशीनें, इसके बाद मेट्रो की राह होगी आसान

चांदपुर में 25 हेक्टेयर में शिफ्ट होनी है 170 आरा मशीनें, इसके बाद मेट्रो की राह होगी आसान

 

भोपाल. एम्स से सुभाष नगर तक 6.22 किमी मेट्रो के रूट पर काम चल रहा है। एम्स से लेकर डीआरएम और इधर सुभाष नगर से गणेश मंदिर तक काम तेजी से चल रहा है। सुभाष नगर से आगे मेट्रो के जंक्शन पुल बोगदा और उसके आगे तक रूट क्लीयर करने 170 आरा मशीनों को चांदपुर में शिफ्ट किया जाना है। भारत टॉकीज तक अधिकारियों ने अलॉयमेंट सर्वे फरवरी में ही कर लिया, लेकिन शिफ्टिंग को लेकर जो अड़चनें हैं वो कम नहीं हो रही। अधिकारियों का कहना है कि यहां जमीन पर्याप्त है। इतनी जमीन है कि पूरे शहर की आरा मशीनें शिफ्ट हो जाएं। लेकिन चांदपुर में जहां आरा मशीनों की शिफ्टिंग की जानी है , वहां जिला उद्योग केंद्र अभी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं कर सका है। यहां जमीन के दो केस कोर्ट में लंबित हैं, इस कारण मामला अटका हुआ है। टिंबर कारोबारी बताते हैं यहां पांच साल में तीन से चार बार शिफ्टिंग के प्रयास किए गए, लेकिन नहीं हो सकी।

कारोबारियों ने बताया कि ये बाजार 1950 से भी पहले का है, पिछले दस वर्षों से इसे यहां से मशीनों को शिफ्ट करने के प्रयास हो रहे हैं। सात साल पहले जमीन चांदपुर में तय की गई। व्यापारी प्लॉट आवंटन के रुपए तक जमा कर चुके हैं। इसके बाद भी कोई पहल नहीं हो रही। दरअसल बोगदापुल से लेकर भारत टाकॉज तक आरा मशीनें लगी हैं। यहां बोगदा पुल जंक्शन से ही मेट्रो का रूट अंडर ग्राउंड हो जाएगा। इस एरिया में बरखेड़ी, क्रॉसिंग, भारत टॉकीज, अल्पना तिराहा (रेलवे स्टेशन), नादरा से आगे सिंधी कॉलोनी तक मेट्रो का रूट अंडर ग्राउंड है। इस कारण यहां ज्यादा जगह भी खाली करानी होगी। इसके आगे फिर से मेट्रो पिलर पर आएगी।

शाही औकाफ की जमीन पर मेट्रो का रूट
मेट्रो मशीनें उतारने के लिए यहां कम से कम 40 मीटर से ज्यादा जगह की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में बोगदा पुल के आगे से काफी बड़ा हिस्सा लिया जाएगा। अंडर ग्राउंड स्टेशन बनाने के लिए भी अधिक जगह की जरूरत होती है। इस क्षेत्र में काफी जमीनें शाही औकाफ से भी लेनी होगी। क्योंकि काफी संख्या में आरा मशीनें औकाफ की जमीनों पर लगी हैं। वे यहां किराएदार के रूप में बैठे हैं। कुछ मशीनें निजी खसरों पर भी ली हैं।

लेट होगा मेट्रो का काम

आरा मशीन शिफ्टिंग को लेकर अपनाई जा रही धीमी प्रक्रिया से मेट्रो के आगामी रूट पर निर्माण की प्रक्रिया धीमा पड़ सकती है। क्योंकि जिनके ऊपर चांदपुर को डवलप कर वहां लाइट और पानी जैसी मूलभूत जरूरत करने की जिम्मेदारी है, वे कोर्ट कचहरी में उलझे हैं।

वर्जन
चांदपुर में जहां आरा मशीनों की शिफ्टिंग होनी है, वहां एक दो मामले कोर्ट में हैं। उनमें हल होने के बाद ही कुछ संभव है। इस काम को अब तेजी से किया जा रहा है।

इक्तिदार खान, मैनेजर, जिला व्यापार उद्योग केंद्र

इतनी जमीन, रकबा हेक्टेयर में
तहसील हुजूर::चांदपुर::रकबा::25 हेक्टेयर

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