यूपीएससी कोचिंग से लौट रही थी छात्रा
पीडि़ता बीएससी फस्र्ट ईयर की छात्रा है। उसके माता-पिता पुलिस में कार्यरत हैं। छात्रा ३१ अक्टूबर की शाम करीब सात बजे एमपी नगर जोन-२ स्थित यूपीएससी कोचिंग से रेलवे ट्रैक के किनारे-किनारे पैदल हबीबगंज स्टेशन आ रही थी। आरपीएफ थाने से करीब १०० कदम पहले ट्रैक के पास अंधेरे में बैठे दो युवकों ने उसका मुंह दबाकर झाडिय़ों में खींच लिया। छात्रा का मोबाइल व बाकी सामान छीना। २० फीट ऊंचाई से घसीटते हुए पुलिया के नीचे लेकर गए। जहां दोनों ने दुष्कर्म किया। तभी उनके दो और साथी आ गए। चारों दरिंदे छात्रा को कीचड़-पानी भरी १०० फीट लंबी पुलिया से घसीटकर पुल के पार ले गए। वहां भी सभी ने दुष्कर्म किया। होश आने पर जीआरपी थाने पहुंची। इस घटना ने समूचे शहर को स्तब्ध कर दिया। एफआईआर में देरी के लिए एमपी नगर थाने के एसआई आरएन टेकाम को निलंबित किया गया।
घटनास्थल देख सबइंस्पेक्टर बोला- ये एमपी नगर थाने में नहीं आता
बुधवार सुबह करीब १० बजे पीडि़ता के पिता एफआईआर कराने एमपी नगर थाने पहुंचे। जहां सब-इंस्पेक्टर आरएन टेकाम ने १५ मिनट तक पीडि़ता से हैवानियत की कहानी सुनी। फिर पीडि़ता के पिता को लेकर घटनास्थल पहुंचे। तब बोले कि यह घटनास्थल एमपी नगर थाने में नहीं आता। आप लोग हबीबगंज थाने जाओ।
पीडि़ता का पिता बेटी, पत्नी के साथ हबीबगंज थाने पहुंचा। वहां भी पीडि़ता के साथ एमपीनगर थाने की तरह कहानी दोहराई गई। इस बीच थाना प्रभारी हबीबगंज रविन्द्र यादव ने सीनियर अफसरों को सूचना दी। मामले की जानकारी लगने के बाद सीनियर अफसर भी घटना के बारे में पीडि़ता से बारी-बारी से पूछते रहे।
पुलिस का ऐसा रवैया देख दोपहर करीब दो बजे पीडि़ता की मां बेटी को लेकर घटनास्थल के आसपास पहुंची। तब तक हबीबगंज पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया था। इसके बाद अफसरों ने घटनास्थल जीआरपी का बता पीडि़ता को जीआरपी हबीबगंज थाना भेजा। आखिरकार, रात करीब साढ़े सात बजे एफआईआर दर्ज हुई।
-यदि रेपपीडि़ता थाने पहुंची है, तो तत्काल उसकी रिपोर्ट दर्ज कर पीडि़ता का मेडिकल कराया जाना चाहिए, ताकि प्राथमिक सबूत सामने आए। गंभीर मामलों पर पुलिस सीमा के नाम पर पीडि़त को भटका नहीं सकती, बल्कि जीरो पर मामला दर्ज कर सकती है। और बाद में केस ट्रांसफर कर सकती है।
अभय गोहिल, रिटायर्ड जज