भोपाल की ब्रिटिश छावनी सीहोर में थी ऐसे अंग्रेज परिवार के कई लोग राजधानी में भी बसे थे। इन्हें पूजा अराधना के लिए राजधानी के जहांगीराबाद क्षेत्र में इस चर्च का निर्माण कराया गया। शहर के दूसरे गिरिजाघर के इसके बाद बनाए गए। इस कैथेलिक चर्च के निर्माण की अनुमति नवाब सिकंदरजहां बेगम ने दी थी। इसका निर्माण साल्वाडोर बोरबन के उत्तराधिकारी बाथाबाजार बोरबन उर्फ शहजाद मसीह के समय फादर बर्नार्ड पिस्टाइया की देखरेख में 1824 में हुआ था। शहर के पुराने भवनों में से ये एक है। इसका नवीनीकरण 1963 में कराया गया था।
कैथोलिक समाज के इस चर्च में कई आयोजन होते हैं। क्रिसमस पर यहां जोरदार आयोजन हुए। फादर माइकल ने बताया कि बड़ी संख्या में समाज के लोग यहां आते हैं। विशेष प्रार्थना सभा होती है। इस चर्च से ईसाई समाज के कई लोग बड़ी संख्या में जुड़े हैं। हर रविवार को यहां विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन होता है। इसमें ईसाई समुदाय के कई लोग हिस्सा लेते हैं।