साथ ही किसी भी मानसिक विकलांग, बेसहारा व अशक्त महिला को 2500 रुपए प्रतिमाह गुजारा भत्ता दिया जाएगा। इस दायरे में किसी भी उम्र की महिला आ सकेगी। इसके अलावा प्रदेश रत्न व प्रदेश भूषण पुरस्कार भी शुरू किए जाएंगे। इन छह निर्णयों का प्रस्ताव अब कैबिनेट में भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी के बाद ही इन्हें लागू किया जाएगा।
ये हैं 6 बड़े कदम- 1. सामान्य एवं ओबीसी को शासकीय सेवाओं में वर्दीधारी पदों पर भर्ती की अधिकतम उम्र सीमा में 2 वर्ष की छूट । पहले यह 33 वर्ष थी, जो बढ़ाकर 35 वर्ष होगी। अजा-अजजा को 5 वर्ष की अतिरिक्त छूट रहेगी।
2. सामान्य एवं ओबीसी को गैर वर्दीधारी पदों की भर्ती की अधिकतम उम्र में 2 वर्ष की छूट दी जाएगी। पहले यह सीमा 40 वर्ष थी। अब 42 वर्ष हो जाएगी। अजा-अजजा वर्ग को 5 वर्ष की अतिरिक्त छूट रहेगी।
2. सामान्य एवं ओबीसी को गैर वर्दीधारी पदों की भर्ती की अधिकतम उम्र में 2 वर्ष की छूट दी जाएगी। पहले यह सीमा 40 वर्ष थी। अब 42 वर्ष हो जाएगी। अजा-अजजा वर्ग को 5 वर्ष की अतिरिक्त छूट रहेगी।
3. सरकारी नौकरी के साक्षात्कार में आने-जाने के लिए सामान्य-ओबीसी उम्मीदवार को ट्रेन से द्वितीय श्रेणी का एवं बस का पूरा किराया किराया दिया जाएगा। अभी तक यह सुविधा अजा-अजजा वर्ग वर्ग को ही प्राप्त है। अजा-अजजा को पूर्ववत लिखित परीक्षा में भी आने-जाने के किराए में पूरी छूट रहेगी।
4. शासकीय भर्तियों में सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग से ली जाने वाली परीक्षा फीस में 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी। अजा-अजजा वर्ग को पूर्ववत ही 50 प्रतिशत की छूट जारी रहेगी।
4. शासकीय भर्तियों में सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग से ली जाने वाली परीक्षा फीस में 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी। अजा-अजजा वर्ग को पूर्ववत ही 50 प्रतिशत की छूट जारी रहेगी।
5. ऐसी महिलाएं जो अपना भरण-पोषण करने में पूर्ण रूप से असमर्थ हैं से असमर्थ हैं, उनके लिए शासन द्वारा नई योजना चलाए जा कर कर उन्हें प्रतिमाह 2500 सहायता दी जाएगी।
6. राज्य में प्रदेश भूषण और प्रदेश रत्न सम्मान प्रारंभ किए जाएंगे, जिनमें पांच लाख एवं ढाई लाख रुपए की सम्मान निधि दी जाएगी। जल्द इसके चयन की प्रक्रिया शुय की जाएगी।
6. राज्य में प्रदेश भूषण और प्रदेश रत्न सम्मान प्रारंभ किए जाएंगे, जिनमें पांच लाख एवं ढाई लाख रुपए की सम्मान निधि दी जाएगी। जल्द इसके चयन की प्रक्रिया शुय की जाएगी।
अब विभागवार होगी समीक्षा- मंत्री डा. गोविंद सिंह ने वचन-पत्रों के वादे की मंत्रियों के साथ समीक्षा की। इसमें अभी तक पूरे हुए वादों को देखा गया। इसके बाद अब हर विभाग के प्रमुख सचिव के साथ वचनों की समीक्षा करना तय किया गया है। इसके लिए अगले हफ्ते से बैठकें शुरू की जा सकती है। तय किया जाएगा कि प्राथमिकता से किन वचनों को पूरा किया जाए।