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20 कंपनियों का इंडस्ट्री लगाने से इनकार, लौटाई जमीन

locationभोपालPublished: Feb 10, 2018 10:19:39 am

Submitted by:

anil chaudhary

कंपनियों के करार वापसी के बाद जागा आईटी डिपार्टमेंट…
 

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अशोक गौतम की रिपोर्ट@भोपाल

प्रदेश के आईटी पार्कों में विकास कार्य नहीं किए जाने के कारण 20 कंपनियों ने इंडस्ट्री लगाने से इनकार करते हुए सरकार को जमीन लौटा दी है। आईटी डिपार्टमेंट प्लाट विकसित किए बिना ही आईटी कंपनियों पर इंडस्ट्री लगाने का दबाव बना रहा था। साथ ही विकास शुल्क लेने के लिए उन्हें नोटिस जारी कर दिया था।
आईटी पार्क बिल्डिंग में स्पेस बुकिंग के मामले में भोपाल आईटी पार्क की हालत खराब है। जबकि, ग्वालियर और जबलपुर की स्थिति बेहतर है। इंदौर की स्थिति सामान्य है। भोपाल, इंदौर और जबलपुर के आईटी पार्क के प्लाटों पर सबसे ज्यादा गड्ढे हैं, जिन्हें पाटने में ही कंपनियों को भारी खर्च करना पड़ता।
हाउसिंग बोर्ड का था ठेका
आईटी पार्क को डेवलप करने का ठेका मप्र हाउसिंग बोर्ड ने लिया था। उसकी डीपीआर में प्लाट और बिल्डिंग को वैल फर्निशड करने का प्रावधान नहीं था। इसमें सिर्फ सड़क, पानी, बिजली को ही शामिल किया गया था, लेकिन जब आईटी कंपनियों ने जमीन ली और बिल्डिंग में स्पेस लिया तो पता चला कि उन्हें बिजली के कनेक्शन, टेलीफोन कनेक्शन, कुर्सी-टेबल, लाइट, पंखे, सेंट्रलाइज्ड ऐसी जैसी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं, जिसके चलते बहुत सी कंपनियों ने अपना करार वापस ले लिया है।
प्लॉट अविकसित होने के कारण आईटी कंपनियां इंडस्ट्री लगाने में समय ले रही हैं। करीब १२ कंपनियों को उन्हें निवेश के संबंध में आईटी डिपार्टमेंट ने नोटिस जारी किया है, इसके बाद भी वह यहां नहीं आ रही हैं।
दोबारा ठेका देने की तैयारी
आईटी कंपनियां एक के बाद एक अपना करार वापस लेने लगीं, तो आईटी डिपार्टमेंट ने इसपर गंभीरता से विचार किया। इसके बाद हाउसिंग बोर्ड को पार्क विकसित करने और तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए दोबारा ठेका दे रहा है।
आईटी पार्कों की जमीनी हकीकत
– भोपाल में आईटी पार्क की पांच मंजिला बिल्डिंग बनकर तैयार है। इसमें करीब एक लाख स्क्वायर फीट जगह है। जबकि, मैन्यूफे क्चरर लैंड के लिए यहां 212 एकड़ जमीन विकसित की गई है।
– इंदौर में एक लाख दस हजार स्क्वायर फीट की बिल्डिंग बनाई जा रही है। यह बिल्डिंग पिछले चार साल से बनाई जा रही है। आईटी कंपनियां आए तो इसका काम तेज हो। खेल पार्क के लिए 112 एकड़ जमीनआरक्षित की गई थी। इसमें ३० एकड़ जमीन बुक हो चुकी है।
– जबलपुर में 70 हजार स्क्वायर फीट की बिल्डिंग बनाई गई है। इसमें कंपनियों ने अपना करोबार शुरू कर दिया है। यहां 65 एकड़ जमीन आरक्षित की गई थी। पूरी जमीन बुक हो चुकी है।
– ग्वालियर में 74 हजार स्क्वायर फीट की बिल्डिंग बनाई गई है।

इन्होंने लौटाई जमीन और स्पेस
भास्कर इलेक्ट्रिकल्स भोपाल, रक्षाइंफो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड भोपाल, हुन्का टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड भोपाल, मैट्रो साफ्ट न्यू दिल्ली, सेल्फ टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड इंदौर, आर्निस इन्फो प्राइवेट लिमिटेड भोपाल, अल्टफोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कोलकाता, कम्पेक्ट इंडस्ट्री जबलपुर, डीएसवाईएस तेलांग वेब इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड भोपाल, लिग्नाटेज सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड इंदौर, आईमिल्स इन्फोटेक भोपाल, इन्फोविंस सिस्टम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड इंदौर, जेम्सन इन्फोटेक भोपाल, एम-एप्स टेक लैब प्राइवेट लिमिटेड इंदौर, न्यूटेक फ्यूजन साइबर टच प्राइवेट लिमिटेड इंदौर, योसवाल कम्प्यूटर एंड कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड इंदौर, स्नेह इन्फ्रास्टेक्चर जबलपुर, स्प्राउट इन्वायरमेंटल सॉल्यूशन भोपाल, स्टेपअप इन्फोटेक भोपाल, क्रूमन टेक्नोलॉजी इंदौर, इन्डमाइल टेक्नोलॉजी भोपाल और हैवन टैक्नो सिस्टम भोपाल।
प्लाटों में गड्ढे, पार्क में फ्लोरिंग और एमसी सहित अन्य सुविधाएं नहीं होने के कारण कई कंपनियों ने जमीन वापस कर दी है। इन प्लाटों को समतल करने और बिल्डिंग में तमाम तरह की व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने के लिए नए सिरे से ठेका दिया जा रहा है।
– तिलकराज कपूर, सीजीएम, एमपीएसईडीसी
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