दीवार हटे तो बने आईसीयू और फायर एग्जिट
सबसे बड़ी समस्या ब्लॉक वन के पास बना पुराना निर्माण है। बिल्डिंग का निर्माण कर रही एजेंसी पीआईयू का कहना है कि जहां यह अतिक्रमण हैं वहां ब्लॉक १ का सबसे महत्वपूर्ण निर्माण किया जाना है। इस हिस्से में ६८ बिस्तरों का जनरल वार्ड, १२ बिस्तरों का आईसीयू के साथ पैथोलॉजी लैब, एक्स रे यूनिट के साथ फायर एग्जिट बनाया जाएगा। यही नहीं इस अतिक्रमण के चलते १२ मंजिल का पूरा स्ट्रक्चर अधूरा ही रह जाएगा।
प्लान बदलने पर दो करोड रुपए और एक साल बढ़ेंगे
अधिकारियों का कहना है कि अतिक्रमण ना हटता देख एजेंसी ने इसका वैकल्पिक प्लान भी तैयार किया था। लेकिन इस प्लान को तैयार करने में जहां करीब दो करोड़ रुपए का खर्च बढ़ जाएगा वहीं आठ से १२ महीने का समय भी लग जाएगा। एेसे में सरकार प्लान बदलने को तैयार नहीं है।
2000 नहीं 1548 बिस्तर होंगे अस्पताल में
बिल्डिंग का नाम दो हजार बिस्तरों के नाम से प्रचारित किया जाता है, लेकिन असल में यहां १५४७ बिस्तरों की क्षमता का बिस्तर का अस्पताल होगा। अगर यह अतिक्रमण नहीं हटता है तो अस्पताल की क्षमता १४६७ ही रह जाएगी। यही नहीं अस्पताल में एक आईसीयू भी कम होगा।
यह भी अतिक्रमण के चलते अटका काम
– अधीक्षक कार्यालय के पीछे खाली जमीन पर लोगों का दावा, यहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनना है।
– पानी की टंकी वाली जगह पर दो लोगों ने मकान बना लिया, एेसे में टंकी का काम अटका हुआ है।
– नर्सिंग हॉस्टल के पास भी एक अतिक्रमण है जिससे फायर टेंडर के लिए जगह नहीं बच रही।
– मल्टीलेवल १ के पास भी पुराना अतिक्रमण जिससे हा