script200 साल पुराने खंडहर की दीवार, अब भी रोक रही मरीजों का रास्ता | 200 year old wall building blocks for patients | Patrika News

200 साल पुराने खंडहर की दीवार, अब भी रोक रही मरीजों का रास्ता

locationभोपालPublished: Oct 10, 2019 04:19:02 pm

Submitted by:

praveen shrivastava

भोपाल. शहर की 200 साल से भी पुराने खंडहर की दीवार मरीजों का रास्ता रोके खड़ी है। गांधी मेडिकल कॉलेज में प्रदेश के सबसे बड़े 2000 बिस्तरों के सरकारी अस्पताल का निर्माण हो रहा है। अस्पताल में दो ब्लॉक मुख्य ब्लॉक के साथ प्रदेश की सबसे बड़ी लायब्रेरी, तीन मल्टी लेवल पार्र्किंग, प्रदेश का पहला स्पोट्र्स इंजुरी कॉम्पलेक्स के साथ अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं मरीजों के लिए तैयार की जाएंगी। लेकिन इस दीवार ने सभी का रास्ता रोक रखा है।

200 साल पुराने खंडहर की दीवार, अब भी रोक रही मरीजों का रास्ता

200 साल पुराने खंडहर की दीवार, अब भी रोक रही मरीजों का रास्ता

हालात यह है कि मात्र एक दिवार के अमिक्रमण के चलते अस्पताल का एक हिस्सा अटक गया है। यही नहीं पूरे परिसर में करीब आधा दर्जन अतिक्रमण एेसे हैं, जिनसे अस्पताल के महत्वपूर्ण हिस्सों का निर्माण नहीं हो पा रहा।


दीवार हटे तो बने आईसीयू और फायर एग्जिट

सबसे बड़ी समस्या ब्लॉक वन के पास बना पुराना निर्माण है। बिल्डिंग का निर्माण कर रही एजेंसी पीआईयू का कहना है कि जहां यह अतिक्रमण हैं वहां ब्लॉक १ का सबसे महत्वपूर्ण निर्माण किया जाना है। इस हिस्से में ६८ बिस्तरों का जनरल वार्ड, १२ बिस्तरों का आईसीयू के साथ पैथोलॉजी लैब, एक्स रे यूनिट के साथ फायर एग्जिट बनाया जाएगा। यही नहीं इस अतिक्रमण के चलते १२ मंजिल का पूरा स्ट्रक्चर अधूरा ही रह जाएगा।


प्लान बदलने पर दो करोड रुपए और एक साल बढ़ेंगे

अधिकारियों का कहना है कि अतिक्रमण ना हटता देख एजेंसी ने इसका वैकल्पिक प्लान भी तैयार किया था। लेकिन इस प्लान को तैयार करने में जहां करीब दो करोड़ रुपए का खर्च बढ़ जाएगा वहीं आठ से १२ महीने का समय भी लग जाएगा। एेसे में सरकार प्लान बदलने को तैयार नहीं है।

2000 नहीं 1548 बिस्तर होंगे अस्पताल में

बिल्डिंग का नाम दो हजार बिस्तरों के नाम से प्रचारित किया जाता है, लेकिन असल में यहां १५४७ बिस्तरों की क्षमता का बिस्तर का अस्पताल होगा। अगर यह अतिक्रमण नहीं हटता है तो अस्पताल की क्षमता १४६७ ही रह जाएगी। यही नहीं अस्पताल में एक आईसीयू भी कम होगा।

यह भी अतिक्रमण के चलते अटका काम

– अधीक्षक कार्यालय के पीछे खाली जमीन पर लोगों का दावा, यहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनना है।

– पानी की टंकी वाली जगह पर दो लोगों ने मकान बना लिया, एेसे में टंकी का काम अटका हुआ है।

– नर्सिंग हॉस्टल के पास भी एक अतिक्रमण है जिससे फायर टेंडर के लिए जगह नहीं बच रही।

– मल्टीलेवल १ के पास भी पुराना अतिक्रमण जिससे हा

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