मध्यप्रदेश के इन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अब 204 प्रकार की जरूरी दवाइयां मरीजों को मिलेंगी. अभी इनमें केवल 90 से 100 प्रकार की दवाइयां ही मिलती हैं. 15 दिनों के भीतर सभी दवाइयां यहां मुहैया हो जाएंगी. पहले से चल रहे इन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आदर्श बनाने की योजना के साथ ही इन्हें अब चौबीस घंटे खुला रखा जाएगा.
इस दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नर्सेस और अन्य स्टाफ तो उपलब्ध होगा ही, डाक्टर भी यहां मिलेंगे. इन केंद्रों पर न्यूनतम 10 और अधिकतम 15 कर्मचारियों का अमला तैनात किया जाएगा.

हालांकि स्वास्थ्य विभाग पहले से ही अमले की कमी से जूझ रहा है. पर स्वास्थ्य केंद्रों पर प्राथमिकता के आधार पर नियुक्तियां की जाएंगी.
दवाइयों के साथ ही इन केंद्रों पर जांचें भी बढ़ाई जा रहीं हैं. अभी यहां नौ तरह की जांचें की जा रही हैं, जिसे बढ़ाकर 45 तरह की जांचे की जाने लगेंगी. दवाइयों और जांचों के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जरूरी उपकरण भी जल्द उपलब्ध कराए जाएंगे. इनकी खरीदी के टेंडर कर दिए गए हैं जबकि कुछ के टेंडर करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
प्रदेश के इन 1500 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 313 शहरी स्वास्थ्य केंद्र भी शामिल है। सभी में एमबीबीएस डाक्टर के एक पद स्वीकृत है। इनमें से 150 केंद्रों में डाक्टरों की कमी है। सभी में आयुष डाक्टर के पद भी स्वीकृत हैं लेकिन ज्यादातर केंद्रों में इनके पद खाली हैं। कई केंद्रों में दो से तीन स्टाफ ही है जिसके कारण इन्हें रात में बंद करना पड़ता है।