मंजूरी मिलने के बाद जब से नियम लागू होगा, तभी से पार्षद और नगर पालिका, नगर परिषद अध्यक्ष पद की पात्रता उम्र एक समान हो जाएगी। फिलहाल, अध्यक्ष बनने के लिए पात्रता उम्र कम से कम 25 वर्ष है। जबकि पार्षद पद की उम्मीदवारी करने की उम्र 21 साल है। ऐसे में पैंच ये फंस गया था कि, 21 साल में कोई शख्स पार्षद तो बन जाएगा, पर अध्यक्ष नहीं बन सकता। अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद अब 21 वर्ष के युवा भी स्थानीय निकायों में अध्यक्ष बन पाएंगे। इसके लिए सरकार मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 में संशोधन करने के बाद दोनों पदों को एक समान करने वाले नियम को पारित करेगी।
सीएम के अनुमोदन से राज्यपाल के भेजा गया था अध्यादेश
आपको बता दें कि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुमोदन से राज्यपाल को अध्यादेश भेजा गया था। नगरीय विकास और आवास विभाग ने राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित करने के लिए फाइल को विधि और विधायी विभाग को भेजा गया। विभागीय मंत्री ने अध्यादेश तैयार किया था। अध्यादेश में निकायों की सीमा परिवर्तन को दो महीने पहले तककिया जा सकेग। पहले इसकी अवधि छह महीने थी।
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