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हाथी अब एमपी में भी, जानिए टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्क में क्यों है 22 हाथियों की जरूरत

locationभोपालPublished: Jul 03, 2022 07:46:45 pm

Submitted by:

deepak deewan

मध्यप्रदेश के वनों में असम से लाए जाएंगे हाथी

tiger reserve and national park

असम से लाए जाएंगे हाथी

भोपाल। अब मध्यप्रदेश के जंगलों में भी हाथी दिखाई देगे. इस टाइगर स्टेट में असम से हाथी लाए जा रहे हैं। असम सरकार ने एमपी को 15 हाथी देने की सहमति भी दे दी है। इसके लिए प्रदेश के वन अधिकारी असम का दो बार दौरा भी कर चुके हैं। मध्यप्रदेश लाए जाने वाले हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें लाने की अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के लिए अब एक तीसरा दल भी असम भेजा जा रहा है।

क्यों जरूरी हैं हाथी
मध्यप्रदेश में 6 टाइगर रिजर्व और 10 नेशनल पार्क हैं. इन सभी जंगलों में कुल 50 हाथियों की जरूरत है। वर्तमान में एमपी के जंगलों कुल 28 हाथी हैं. दरअसल प्रदेश के टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्कों में बाघों की निगरानी और पर्यटकों को सैर कराने के लिए हाथी की जरूरत है। हाथी वनकर्मियों को झाड़ियों में छिपे बाघों तक पहुंचाने में सबसे ज्यादा मददगार साबित होते हैं। कोई बाघ-बाघिन जब नहीं मिलते हैं और उसके सुदूर (वाहन की पहुंच से दूर) इलाके में चले जाते हैं, या वे घायल होकर झाड़ियों आदि में छिप जाते हैं, तब उन तक हाथियों की मदद से ही पहुंचा जा सकता है। इसकी वजह यह है कि बाघ आमतौर पर हाथी पर हमला करने से बचता है। इसके साथ ही हाथी पहाड़ी रास्ते पर भी आसानी से चल सकता है। इसके साथ ही पर्यटकों को सैर कराने के लिए हाथी सबसे उपयोगी है।

प्रदेश के जंगलों में अभी करीब 22 हाथी और चाहिए। इन हार्थियों को एमपी लाने के प्रयास 10 साल से चल रहे हैं लेकिन अब जाकर सफल हो पा रहे हैं. अब जाकर असम सरकार ने एमपी को 15 हाथी देने की सहमति दी है। मध्यप्रदेश के मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक जेएस चौहान ने बताया कि असम सरकार हमेें हाथी देने के लिए सहमत हो गई है। वहां से हम 15 हाथी ला रहे हैं। जल्द ही एक दल असम भेजा रहा है, जो हाथी लाने की औपचारिकताएं पूरी करेगा।

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