क्यों जरूरी हैं हाथी
मध्यप्रदेश में 6 टाइगर रिजर्व और 10 नेशनल पार्क हैं. इन सभी जंगलों में कुल 50 हाथियों की जरूरत है। वर्तमान में एमपी के जंगलों कुल 28 हाथी हैं. दरअसल प्रदेश के टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्कों में बाघों की निगरानी और पर्यटकों को सैर कराने के लिए हाथी की जरूरत है। हाथी वनकर्मियों को झाड़ियों में छिपे बाघों तक पहुंचाने में सबसे ज्यादा मददगार साबित होते हैं। कोई बाघ-बाघिन जब नहीं मिलते हैं और उसके सुदूर (वाहन की पहुंच से दूर) इलाके में चले जाते हैं, या वे घायल होकर झाड़ियों आदि में छिप जाते हैं, तब उन तक हाथियों की मदद से ही पहुंचा जा सकता है। इसकी वजह यह है कि बाघ आमतौर पर हाथी पर हमला करने से बचता है। इसके साथ ही हाथी पहाड़ी रास्ते पर भी आसानी से चल सकता है। इसके साथ ही पर्यटकों को सैर कराने के लिए हाथी सबसे उपयोगी है।
प्रदेश के जंगलों में अभी करीब 22 हाथी और चाहिए। इन हार्थियों को एमपी लाने के प्रयास 10 साल से चल रहे हैं लेकिन अब जाकर सफल हो पा रहे हैं. अब जाकर असम सरकार ने एमपी को 15 हाथी देने की सहमति दी है। मध्यप्रदेश के मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक जेएस चौहान ने बताया कि असम सरकार हमेें हाथी देने के लिए सहमत हो गई है। वहां से हम 15 हाथी ला रहे हैं। जल्द ही एक दल असम भेजा रहा है, जो हाथी लाने की औपचारिकताएं पूरी करेगा।