scriptउपभोक्ता फोरम की कछुआ चाल, हैरान कर देंगे पेंडिंग के आंकड़े | 22 thousand case pending in mp consumer forum | Patrika News

उपभोक्ता फोरम की कछुआ चाल, हैरान कर देंगे पेंडिंग के आंकड़े

locationभोपालPublished: Jan 08, 2019 01:52:12 am

Submitted by:

dinesh Binole

प्रदेश में 22 हजार और भोपाल में तीन हजार मामले पेंडिंग

consumer protection

consumer protection

भोपाल. बेरोजगारी दूर करने के दावे के साथ पार्टियां सत्ता में आती हैं, लेकिन सत्ता में आते ही खाली पडे पदों को भरने की जिम्मेदारी से मुकर जाती हैं। मध्यप्रदेश में इन खाली पडे पदों ने जनता का बोझ हद से ज्यादा बढा दिया है। सिर्फ उपभोक्ता फोरम जैसे विभाग की बात करें तो प्रदेश में इस विभाग में इतने केस बढ गए हैं, जिनसे निपटना आसान नहीं है।
भोपाल उपभोक्ता फोरम में लंबे समय से तीन हजार प्रकरण अनसुलझे पड़े हुए हैं। वहीं प्रदेशभर के अलग-अलग जिलों की बैंचों में 22,235 प्रकरणों की फाइलें भी न्याय की उम्मीद में धूल खा रही हैं। यही नहीं राज्य उपभोक्ता आयोग में भी अपील के 10 हजार प्रकरणों की लंबी फेहरिस्त है, जिन पर सालों से कोई निर्णय नहीं हो पाया है। उपभोक्ता फोरम और आयोग के कानून में तीन और 6 महीने में उपभोक्ताओं से जुड़े मामलों में फैसला देने का प्रावधान है। फोरम और आयोग दोनों ही जगह कई ऐसे प्रकरणों की लंबी सूची हैं जो 10 साल बाद भी नहीं सुलझ पाए हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि फोरम और आयोग में अमले की भारी कमी होना। साथ ही सालों तक अध्यक्ष-सदस्यों के पद खाली रहने के कारण भी प्रकरणों का निराकरण नहीं हो रहा है।
इसलिए महत्वपूर्ण है यह प्रकरण
उपभोक्ता फोरम में आने वाले सभी प्रकरण सीधे उपभोक्ताओं और जनता से जुड़ा होता है। यह सामग्री खरीदी, खाद्य सामग्री, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक सामग्री की खरीदी, ठगी आदि के होते हैं। इससे जनता का सीधा हित प्रभावित होता है। फोरम के निर्णयों को राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील के तौर पर पेश किया जाता है।
अक्टूबर 2017 से जुलाई तक जिला फोरम के अध्यक्षों व सदस्यों के पद रिक्त रहे। अब नियुक्तियां हो रही हैं। नियुक्तियों के नियम, भर्ती में समय लगा। इसके कारण प्रकरणों की अधिकता हो गई। अब 21 जिला फोरम के पद भर दिए। इसके चलते इन प्रकरणों के निराकरण में तेजी आएगी।
हरेंद्र सिंह, रजिस्ट्रार,उपभोक्ता आयोग
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो