प्रारंभिक सर्वे के बाद इन सभी प्रभावितों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधान के अनुसार 25 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध- आधिकारिक जानकारी के अनुसार अभी तक बरसात के सीजन में राज्य के 29 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने, 12 जिलों में अतिवर्षा और 30 जिलों में पशु हानि के मामले सामने आए हैं। प्रदेश के कुल 397 गांवों में बाढ़ से भी क्षति हुई है। प्रारंभिक सर्वे के बाद इन सभी प्रभावितों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधान के अनुसार 25 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है। जिन किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है उनका भी सर्वे कराकर आपदा राहत कोष से सहायता दी जाएगी।
इधर मध्यप्रदेश के किसान अब अपनी फसल की जानकारी स्वयं एमपी किसान एप पर दर्ज कर सकेंगे। सोमवार 1 अगस्त से 15 अगस्त तक किसानों को यह सुविधा मिलेगी। किसान अपनी फसल की जो जानकारी देंगे उसका पटवारी से सत्यापन कराया जाएगा। फसल हानि की स्थिति, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उपज खरीदने या कृषि ऋण देने सहित अन्य योजनाओं में इसका उपयोग किया जाएगा।
अभी तक पटवारी ही किसान की फसल की जानकारी एमपी किसान एप पर दर्ज करते थे। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्राकृतिक आपदा से फसल प्रभावित होने पर सर्वे के समय एप में दर्ज जानकारी के मिलान में प्रायः गड़बड़ियां सामने आती थीं। इसे देखते हुए नई व्यवस्था बनाई गई है जिसमें किसान स्वयं अपनी फसल की जानकारी दर्ज करेगा। हालांकि इसका सत्यापन पटवारी से कराया जाएगा। इसमें असहमति होने पर किसान खेत में उपस्थित होकर फोटो भी एप पर दर्ज कर सकेंगे। इससे हर हाल में वास्तविक स्थिति सामने आ जाएगी।