मनरेगा के अंतर्गत विभिन्न संरचनाओं का निर्माण ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहा है। स्किल मेपिंग के लिए रोजगार सेतु का उपयोग किया जा रहा है। विभिन्न श्रेणियों में कार्य करने वाले श्रमिक सूचीबद्ध किए जा रहे हैं। अब तक 44 हजार 988 श्रमिक इससे जोड़े गए हैं। आत्म निर्भर भारत में 1 करोड़ 24 लाख 552 प्रवासी मजदूरों को खाद्यान दिया गया। विभिन्न बिल्डर्स, कांट्रेक्टर्स और कारखाना प्रबंधन से जानकारी एकत्र कर श्रमिकों के रोजगार के लिए श्रेणी वार संभावनाओं को देखा जा रहा है। संबल पोर्टल पर भी 3 करोड़ 24 लाख लोग पंजीबद्ध हो गए हैं।
कोरोना संक्रमण के दौर में श्रमिकों की आर्थिक समस्याओं को दूर करने में इन प्रयासों का विशेष महत्व है। विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों को मनरेगा कार्यों से जोड़कर आर्थिक सहारा दिया गया है।