इसके लिए यहां 5 तहसीलदारों की टीम लगाई है। हर टीम को दस-दस जिलों के मतदाता सूची की जांच करने के लिए कहा गया है। प्रदेश में मतदान के लिए 42 दिन शेष हैं, लेकिन मतदाता सूची में फर्जी वोटरों की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद भी सूची से नाम जोडऩे और उसे निकालने का काम आज भी जारी है। जिलों से मतदाता सूची से नाम निकालने का हजारों प्रस्ताव भेजे गए हैं, उसकी जांच-पड़ताल के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में 4५ कर्मचारियों को लगाया गया है। यह टीम जिन नामों को लेकर शिकायतें हैं, जिनके नाम हटाने के लिए कलेक्टरों के पास से प्रस्ताव आए हैं और जिनके फोटो, नाम-पता एक जैसे हैं, उनका सत्यापन कर रही है।
इस संबंध में बुधवार को उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजेश श्रीवास्तव ने जिले में मतदाता सूची तैयार करने वाले अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग कर समीक्षा भी की। बताया जाता है कि अधिकारियों की जांच पड़ताल के बाद मतदाता सूची में भारी गड़बडिय़ां पाई गई हैं।
आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारियों को नामांकन पत्र दाखिल से पहले इन गड़बडिय़ों को दूर करने के लिए कहा है। नियम के अनुसार मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद सूची से नाम निकालने का अधिकार सिर्फ सीईओ कार्यालय को है।