ऐशबाग थाना प्रभारी अजय नायर के अनुसार गिरफ्तार अंकेत ने बताया कि 50 रुपए के नोट लोग आसानी से ले लेते हैं, इसलिए वह 50 रुपए के ही नकली नोट ज्यादा तैयार करता था। गिरोह पिछले एक महीने से नकली नोट बनाने का काम कर रहा था।
देशी शराब के ठेकों पर चालते थे नोट
कोर्ट ने दोनों आरोपियों को पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है। ऐशबाग पुलिस को मुखबिर से जानकारी मिली थी कि एक युवक अक्सर 50 रुपए के कुछ नकली नोट लाकर देशी शराब के ठेकों और आस-पास की दुकानों में चलाता है। पुलिस ने दबिश देकर दीपक अहिरवार को हिरासत में लेकर तलाशी ली तो उसके पास 50 रुपए के पांच नकली नोट मिले।
घर में तैयार कर मार्केट में चाले देते थे नकली नोट
आरोपी ने बताया कि उसे ये नोट लक्ष्मीगंज निवासी अंकेत अहिरवार ने दिया था। अंकेत कलर फोटोकॉपी के माध्यम से घर में नोट तैयार करता है और उसे मार्केट में चलाने के लिए देता है। पुलिस ने अंकेत को गिरफ्तार कर उससे 250 नकली नोट जब्त किए।
नोटबंदी के बाद राजधानी में पहला नकली नोट छापने का मामला 24 अप्रैल 2017 में आया था। तब अशोका गार्डन पुलिस ने एक फोटो स्टूडियो में छापा मारकर 6 हजार तीन सौ रुपए के नकली नोट जब्त किए थे। पुलिस ने मामले में दानिश अली, वसीम शेख उर्फ समीर, फोटो स्टूडियो के संचालक जीतेन्द्र उर्फ जीतू रैकवार और फईम को गिरफ्तार किया था।