ग्रुप ने इसके लिए कई फर्जी कंपनियां बना ली थीं। आयकर विभाग के मुताबिक विभाग ने कटनी में सतीश सरावगी, संजय मिश्रा, अरुण गोयल एवं भगवान माहेश्वरी के ठिकानों पर एक साथ जांच शुरू की थी। प्रारंभिक जांच और दस्तावेजों के आधार पर सामने आया कि महाकालेश्वर ग्रुप की मोहित मिनरल्स एवं महाकाल माइन्स के सहारे कई ऐसी कंपनियां बनी ली थीं, जिनके माध्यम से पैसों का लेन-देन दिखाया जा रहा था। जांच टीमें जब उन कंपनियों के पतों पर पहुंची तो वहां ऐसा कुछ नहीं मिला। इसके लिए इन्वेस्टीगेशन की टीमों ने दिल्ली और कोलकाता में छापे मारे। जो दस्तावेज हाथ लगे, उनसे खुलासा हुआ कि उपरोक्त कंपनियों के कर्ताधर्ताओं ने करीब 260 करोड़ रुपए की हेरा-फेरी की है। जांच में डेढ़ करोड़ रुपए नकदी और जेवरात सहित पांच बैंक लॉकर भी मिले है। मुख्य आयकर आयुक्त, जांच पतांजलि झा के मुताबिक ये कारोबारी फर्जी कंपनियां बनाकर पैसों को इधर-से-उधर कर रहे थे। उन्होंने बताया कि सोमवार को जांच का काम पूरा हो गया है। अब स्क्रूटनी के बाद पता चलेगा कि इन फर्मों ने कितनी कर चोरी की है। विभाग पिछले पांच साल के रिटर्न के आधार पर भी जांच करेगा।
डायरियां खोल रहीं रसूखदारों की पोल
जबलपुर. गोहलपुर के अमखेरा में सटोरिए के यहां से जब्त डायरी ने तहलका मचा रखा है। 24 पुलिस कर्मियों के निलम्बन की वजह बनी ये डायरी चर्चा में है। इसके पहले भी कई ऐसे मौके आए, जब अपराधियों और बड़े चेहरों के यहां पुलिस या आयकर के छापे में जब्त हुई डायरी ने रसूखदारों के स्याह पन्ने को खोल दिया। कटनी का हवाला कांड हो या फिर शहर के एक बिल्डर के यहां छह साल पहले आयकर छापे में जब्त डायरी का मामला हो। शहर में क्रिकेट सट्टा से लेकर नारकोटिक्स तस्करी, शराब तस्करी और हवाला कारोबार से जुड़े लोग ऐसी ही डायरियों में अपने हिसाब-किताब दर्ज करते हैं।
जबलपुर. गोहलपुर के अमखेरा में सटोरिए के यहां से जब्त डायरी ने तहलका मचा रखा है। 24 पुलिस कर्मियों के निलम्बन की वजह बनी ये डायरी चर्चा में है। इसके पहले भी कई ऐसे मौके आए, जब अपराधियों और बड़े चेहरों के यहां पुलिस या आयकर के छापे में जब्त हुई डायरी ने रसूखदारों के स्याह पन्ने को खोल दिया। कटनी का हवाला कांड हो या फिर शहर के एक बिल्डर के यहां छह साल पहले आयकर छापे में जब्त डायरी का मामला हो। शहर में क्रिकेट सट्टा से लेकर नारकोटिक्स तस्करी, शराब तस्करी और हवाला कारोबार से जुड़े लोग ऐसी ही डायरियों में अपने हिसाब-किताब दर्ज करते हैं।
जानकारी के अनुसार तकनीक का उपयोग बढऩे के बाद भी डायरी का क्रेज कम नहीं हुआ है। खासकर व्यापारियों में डायरी में हिसाब-किताब लिखने का अब भी चलन है। इसी तरह अवैध धंधे में संचालित लोग भी डायरी में ही पूरा लेन-देन लिखकर रखते हैं। स्मैक, शराब, सट्टा, जुआ, ब्याज का धंधा करने वाले लोगों की डायरी पुलिस के हाथ लग जाए तो यह उनके लिए दोहरा फायदा पहुंचाने वाली साबित होती है।
टैक्स चोरी के कई खुलासे डायरी से
आयकर इंवेस्टीगेशन विंग के अधिकारियों के मुताबिक टैक्स चोरी के कई बड़े प्रकरणों में डायरी बड़े काम की साबित हुई। डायरी से न केवल दूसरे चेहरे बेनकाब होते हैं। वरन यह कोर्ट की कार्रवाई में भी अहम सबूत साबित होता है। अकेले हवाला प्रकरण में ही सितम्बर से अब तक 1500 करोड़ का खुलासा डायरी के पन्ने करा चुके हैं।
आयकर इंवेस्टीगेशन विंग के अधिकारियों के मुताबिक टैक्स चोरी के कई बड़े प्रकरणों में डायरी बड़े काम की साबित हुई। डायरी से न केवल दूसरे चेहरे बेनकाब होते हैं। वरन यह कोर्ट की कार्रवाई में भी अहम सबूत साबित होता है। अकेले हवाला प्रकरण में ही सितम्बर से अब तक 1500 करोड़ का खुलासा डायरी के पन्ने करा चुके हैं।
आत्महत्या की गुत्थी सुलझा चुकी है डायरी
विजय नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत रामेश्वरम कॉलोनी में रहने वाली बैतूल निवासी शिवानी की आत्महत्या का राज भी पुलिस उसकी डायरी से खोल सकी। पुलिस को उसके कमरे से एक डायरी मिली। जिसके पन्नों में शिवानी ने आत्महत्या की वजह अस्पताल में कार्यरत सहयोगी अतुल मिश्रा को बताया था। बाद में पुलिस ने उसे आरोपी बनाया।
विजय नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत रामेश्वरम कॉलोनी में रहने वाली बैतूल निवासी शिवानी की आत्महत्या का राज भी पुलिस उसकी डायरी से खोल सकी। पुलिस को उसके कमरे से एक डायरी मिली। जिसके पन्नों में शिवानी ने आत्महत्या की वजह अस्पताल में कार्यरत सहयोगी अतुल मिश्रा को बताया था। बाद में पुलिस ने उसे आरोपी बनाया।
किसी भी घटनास्थल से जब्त डायरी जांच के बाद ही साक्ष्य बन पाता है। कई बार लोग फंसाने के उद्देश्य से भी डायरी कुछ भी लिख देते हैं। अवैध कारोबार में लिप्त लोगों के बीच जरूर लेन-देन का ब्यौरा डायरी में दर्ज किया जाता है। ये हाथ लगने पर कार्रवाई में मदद मिलती है।
अमित सिंह, एसपी
अमित सिंह, एसपी