आगे क्या
8 मार्च 2019 से ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से 27 प्रतिशत किया गया था। बाद में कुछ याचिकाएं कोर्ट में लगीं तो स्टे हुआ। यह कवायद सरकारी भर्तियों को लेकर की जा रही है। आने वाले दिनों में प्रदेश के विभिन्न विभागों में एक लाख भर्तियां की जानी हैं। इसलिए सरकार की ओर से तैयारियां की जा रही हैं। इन भर्तियों में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की तैयारी है।
नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह का दावा…
कांग्रेस सरकार के कोर्ट में झूठे दस्तावेज देने से नहीं मिला 27 फीसदी आरक्षण
आरक्षण पर मचे बवाल के बीच नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस की तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने ओबीसी वर्ग के आरक्षण के नाम पर विधानसभा सहित हाईकोर्ट में गलत जानकारी दी थी। कांग्रेस सरकार ने ओबीसी आरक्षण संशोधन विधेयक में लिखा कि प्रदेश में ओबीसी की जनसंख्या 27 प्रतिशत है, जबकि वास्तव में अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी 51 प्रतिशत है। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में लाभ लेने के लिए जल्दबाजी में गलत तथ्यों के साथ विधेयक प्रस्तुत किया था। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि तत्कालीन सरकार की ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की मंशा ही नहीं थी। मंत्री सिंह ने कांग्रेस सरकार के समय पास हुए आरक्षण विधेयक की कॉपी भी पेश की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय के एडवोकेट जनरल एक भी बार सुनवाई के दौरान अदालत में पेश नहीं हुए। यहां तक कि हाईकोर्ट द्वारा आरक्षण पर रोक लगाने के खिलाफ कांग्रेस की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील तक नहीं की।