लोगों के लिए यह अच्छी खबर है कि कोरोना संक्रमण का पीक टाइम अब ढलान पर दिखने लगा है। पिछले 6 दिन के हेल्थ बुलेटिन पर नजर डाली जाए तो नए प्रकरणों में कमी आई है। एक्टिव केस की गति भी धीमी पड़ी है।
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नए केस मिलने और स्वस्थ होने वालों की संख्या करीब-करीब बराबरी पर आ गई है। सबसे ज्यादा इंदौर जिले में नए संक्रमित मिलते थे, जो धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। हालांकि एक्सपर्ट अभी भी लापरवाही भारी पड़ने की बात कह रहे हैं.
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प्रदेश में बीत साले दिसंबर के मध्य से नए केस बढऩे लगे थे। हालांकि वैज्ञानिकों ने पूर्व में ही बता दिया था तीसरी लहर देश में नवंबर में आएगी। मप्र में तीसरी लहर का व्यापक असर दिसंबर के आखिर से दिखना शुरू हो गया था। जनवरी में हर दिन 500 से ज्यादा केस मिलने लगे थे.
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22 जनवरी तक नए केस 11274 तक पहुंच गए। इसके बाद से नए केस की संख्या में तेजी से कमी हो रही है। शुक्रवार को महज 7763 मरीज मिले. इस तरह नए केसेस में करीब साढ़े 3 हजार मरीज कम हो गए.
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हालांकि जांचें में थोड़ा कम हुई हैं। पहले 83 हजार के आसपास सैंपल लिए जाते थे। अब संख्या 70 और 80 हजार पर पहुंच गई है।
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पॉजिटिविटी दरों में क्रमश: कमी और स्थिरता आई है। बताया जाता है कि अभी भी 90 प्रतिशत संक्रमित होम क्वारंटीन ही हैं। देश की तरह ही अब मध्यप्रदेश में भी ओमिक्रान वेरिएंट का असर ज्यादा नहीं दिख रहा है.
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हालांकि एक्सपर्ट ये भी कह रहे हैं कि हो सकता है कि ओमिक्रान की व्यापक तौर पर पहचान ही नहीं हो पाई हो. यह तथ्य भी सामने आया है कि ज्यादातर बिना लक्षणों के मरीजों में ओमिक्रान पाया गया है.