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3 लाख की गारंटी, फर्जी सीए ने 30 लाख का लोन निकाला

locationभोपालPublished: Aug 17, 2018 07:59:52 am

Submitted by:

Rohit verma

पुलिस ने जालसाज और उसकी भाभी पर दर्ज किया मामला

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3 लाख की गारंटी, फर्जी सीए ने 30 लाख का लोन निकाला

भोपाल. खुद को सीए बताने वाले जालसाज ने तीन लाख की गारंटी के बदले पंजाब नेशनल बैंक से 30 लाख रुपए का लोन निकाल लिया। बागसेवनिया पुलिस ने तथाकथित सीए व उसकी भाभी पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। संदीप के खिलाफ हबीबगंज, एमपी नगर, टीटीनगर थाना पुलिस ने इससे पहले धोखाधड़ी की एफआइआर दर्ज की थी।

पुलिस के मुताबिक आशीर्वाद सोसायटी कोलार रोड निवासी 38 वर्षीय गोविंद प्रसाद गुप्ता की कुछ समय पहले इ/8 एक्सटेंशन बावडिय़ा कला निवासी कथित चार्टर्ड एकाउंटेंट संदीप खरे से मुलाकात हुई। संदीप ने गोविंद से व्यवसाय के लिए कुछ रकम उधार मांगी। उसने गोविंद से कहा कि वह अपने व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर पंजाब नेशनल बैंक से तीन लाख रुपए का लोन लेना चाहता है। बस इसके लिए बैंक गारंटी देना होगी।

 

गोविंद मदद के लिए तैयार हो गया। गोविंद ने अपने मकान की मूल रजिस्ट्री पंजाब नेशनल बैंक में लगा दी। गोविंद ने अंग्रेजी में लिखे कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी किए। बैंक ने संदीप से कहा कि उसका लोन जल्द हो जाएगा। 25 सितंबर 17 को गोविंद को पीएनबी से एक नोटिस मिला। जिसमें गोविंद से 31,60,347 रुपए की मांग की गई। यह नोटिस देख उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। संदीप वर्तमान में जेल में है, जबकि उसकी भाभी की पुलिस तलाश कर रही है।

कम पढ़े लिखे होने का उठाया फायदा

संदीप ने गोविंद के कम पढ़े लिखे व अंग्रेजी न जानने का फायदा उठाते हुए उसे गारंटर बनाकर 30 लाख रुपए का लोन निकाल लिया। यह लोन भी संदीप ने अपने नाम पर न निकालते हुए भाभी पूजा खरे पति प्रमेंद्र खरे नाम की महिला के नाम पर निकाला। पूरी धनराशि पूजा खरे के एकाउंट में ट्रांसफर की गई।

जल्द रकम लौटाने का देता रहा लालच
बैंक नोटिस मिलने के बाद गोविंद ने संदीप से संपर्क किया तो उसने बातों में फंसाते हुए कहा कि चिंता मत करो जल्द ही तुम्हारी रकम लौटा दी जाएगी। गोविंद को विश्वास दिलाने के लिए संदीप ने उसके साथ 30 सितंबर 2017 को एक एग्रीमेंट भी कर लिया। जिसमें संपूर्ण लोन की राशि चुकाकर रजिस्ट्री देने की बात कही गई। इसी बीच गोविंद ने संदीप को फोन लगाया, तो उसने फोन उठाना बंद कर दिया। आठ माह बीत जाने के बाद जब राशि नहीं मिली, तो पूजा खरे से संपर्क किया गया। पूजा ने भी राशि के संबंध में स्पष्ट इंकार कर दिया।

 

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