सीएम के ये निर्देश-
योजना में राज्य स्वास्थ्य एजेंसी के जरिए उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले अस्पतालों को प्राथमिकता दी जाए। इसके लिए मार्गदर्शिका बनाई जाए। जिन चिकित्सालयों को इस योजना में शामिल किया गया है, उन पर सतत् निगरानी रखी जाए, जिससे कोई गड़बड़ी न हो। गड़बड़ी करने वाले चिकित्सा संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। सभी योग्य हितग्राहियों को अगले 6 माह में गोल्डन कार्ड दिए जाए। शासकीय अस्पतालों के लिए आरक्षित पैकेजेस पर पुनर्विचार हो।
योजना में अब तक यह कदम-
– 1.31 करोड़ कार्ड आयुष्मान भारत-एमपी में बने– 1.75 लाख लोगों के योजना में दावे प्राप्त हुए – 1.18 लाख को 157.11 करोड़ इलाज के लिए भुगतान
– 98 निजी व 339 सरकारी अस्पताल पंजीयन, 257 शिविर लग