हालांकि जानकारों की यदि मानें तो विवि में इस समय भवन की आवश्यकता ही नही है। प्रशासनिक भवन के पास पहले से ही बने भवन के आठ कक्ष साल भर खाली रहते हैं। लैब भी सालों से कबाड़ हो रही है। उसमें न तो उपकरण और न ही वहां पर प्रैक्टिकल कराए जा रहे हैं जबकि एक नई लैब का प्रस्ताव अलग से आ गया है।
रूसा के तहत मिले फंड का लगा रहे ठिकाने
जानकारी के अनुसार महाविद्यालय प्रबंधन को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत भारी भरकम ग्रांट मिली है। चूंकि इस ग्रांट के उपयोग को भी दिखाया जाना है ऐसे में इसे ठिकाने लगाने का सबसे आसान तरीका भवन निर्माण ही है। इसी के तहत महाविद्यालय में भवन निर्माण प्रस्तावित किया गया था जिससे मंजूरी मिल गई है।
लोकनिर्माण विभाग कर रहा भवन का निर्माण
महाविद्यालय प्रबंधन के अनुसार इस भवन का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया जा रहा है। इसके लिए विभाग ने टेंडर भी जारी कर दिए हैं। जल्द ही यहां पर दो मंजिला भवन का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। इसे पूरा करने की समय सीमा 2020 रखी गई है।
दो गुने पेड़ लगाए जाएंगे
रूसा ग्रांट के तहत महाविद्यालय में भवन का निर्माण कराया जा रहा है। चूंकि भवन निर्माण के लिए स्थान तो चाहिए ही इसलिए पेड़ों को अनुमति के बाद काटा जा रहा है। इसकी भरपाई के लिए इसके दो गुने पेड़ लगाए जाएंगे।
– महेंद्र सिंह, प्रभारी प्राचार्य एमवीएम