भोपाल

खुले में पड़ा 35 करोड़ का गेहूं, ट्रांसपोर्टर पर 7 लाख का जुर्माना

मप्र सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन ने की कार्रवाई…

भोपालApr 25, 2018 / 06:50 am

Bharat pandey

Wheat procurement: FIR against 23 employees and 11 intermediaries, 2 arrested, 18 employees suspended

भोपाल। जिले में उपार्जन के बाद मंडी और सोसायटियों में करीब १७ हजार क्विंटल गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा है। बाजार में इस गेहंू की कीमत करीब ३५ करोड़ रुपए बताई जा रही है। अगर बारिश आई तो ये गेहूं भीग जाएगा।

गेहूं का उठाव नहीं होने पर मप्र सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन ने सख्त कदम उठाते हुए जैनिथ ट्रांसपोर्टर पर सात लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इतना ही नहीं नियमानुसार गेहूं का परिवहन नहीं करने पर उसे ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई की जाएगी। कॉर्पोरेशन के जिला प्रबंधक केएल शर्मा ने इसकी पुष्टि की है।

दरअसल समर्थन मूल्य पर चल रही गेहूं खरीदी में परिवहन का काम धीमा चल रहा है। इसका एक कारण गोदामों की कमी भी है। गोदाम नहीं मिलने से भोपाल जिले के गेहूं का भंडारण रायसेन, विदिशा जिले में करना पड़ रहा है।

हालांकि विभागीय जानकारों का कहना है कि भोपाल में कुछ गोदाम ऐसे है, जिनमें गेहूं का भंडारण किया जा सकता है, लेकिन कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के अडिय़ल रवैये के चलते ऐसे गोदामों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। इधर फंदा में गोदाम खाली हैं इसके बाद भी गेहूं को दूसरी जगह भेजा जा रहा है।

 

बाढ़ के समय गेहूं में मिट्टी मिलाने के मामले में चर्चा में आया करतार वेयर हाउस अभी भी बंद पड़ा है। गेहूं का परिवहन गोदामों में नहीं होने से कॉर्पोरेशन स्तर पर कड़ा निर्णय लिया गया है। मंगलवार को जेनिथ ट्रांसपोर्टर पर ७ लाख का जुर्माना लगाया है। अकेले इसी ट्रंासपोर्टर को बैरसिया, हर्राखेड़ा और नजीराबाद की तीन सोसायटियों से १२ हजार क्विंटल गेहूं का परिवहन करना था, लेकिन गेहूं का परिवहन नहीं हो पाया।

कलेक्टर लगातार कर रहे समीक्षा
गेहूं के उपार्जन से लेकर परिवहन और चार सोसायटियों में लापरवाही के चलते आग लगने के मामलों की समीक्षा खुद कलेक्टर सुदाम खाडे़ कर रहे हैं। मिसरोद और बैरसिया की तीन सोसायटियों की जांच खाद्य विभाग के अधिकारी कर रहे हैं। कलेक्टर ने परिवहन को लेकर मंगलवार को भी अधिकारियों को जल्द से जल्द परिवहन कराने के निर्देश दिए।

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