इस मौके पर खो-खो फेडरेशन इंडिया के महासचिव एमएस त्यागी ने कहा कि खो-खो अब भारत का नहीं बल्कि पूरी दुनिया का खेल होगा। शुभारंभ के मौके पर मौजूद नपा अध्यक्ष बद्री सिंह चौहान, एमपी के सचिव संजय यादव, राजेन्द्र अग्रवाल, दीपेश मीना ने गुब्ब्बारे छोडक़र प्रतियोगिता का शुभारंभ किया।
यह आयोजन 2 से 6 दिसम्बर के बीच शासकीय स्कूल मैंदान मंगल बाजार में किया जा रहा है। इसमें देश के 31 प्रांतों की बालक एवं बालिकाओं की 62 टीमें भाग ले रहीं हैं। इस मौके एचईजी के संजय सिंह, विनीता मिश्रा, पूर्व नपा अध्यक्ष विपिन भार्गव सहित बड़ी संख्या में नगर के वरिष्ठजन मौजूद थे।
तालियों की गडगड़़ाहट ने बढ़ाया हौसला खो-खो प्रतियोगिता के शुभारंभ के मौके पर अलग-अलग प्रदेशों से आए खिलाडिय़ों ने बैंड की धुन पर अपने-अपने प्रदेशों के झंडो के साथ मार्च पास्ट करते हुए सलामी दी। वहीं ग्रेफाइट स्कूल के भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत विभिन्न प्रांतों के प्रसिद्व गीतों पर रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। बच्चों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग कार्यक्रमों को वहां मौजूद दर्शकों ने तालियों की गडगड़़ाहट से हौसला बढ़ाया।
राजस्थान, कर्नाटक और पांडिचेरी रहीं विजेता टीम प्रतियोगिता का शुभारंभ में पहला मैंच राजस्थान और पांडिचेरी के बीच खेला गया। बालक वर्ग के इस मुकाबले में राजस्थान की टीम ने एक पाइंट और इंनिग से पांडिचेरी को पराजित किया। दूसरा मुकाबला भी बालक वर्ग में गोवा और पंजाब के बीच खेला गया, जिसमें अंत तक दोनों टीमों के बराबर रहने पर मुकाबला टाई घोषित कर दिया गया। बालिका वर्ग में तीन मैच खेले गए।
पहला मैच राजस्थान एवं कर्नाटक के बीच खेला गया। इसमें राजस्थान की टीम को कर्नाटक की टीम से हार का सामना करना पड़ा। दूसरा मैच पांडिचेरी और बिहार के बीच खेला जिसमें पांडिचेरी की टीम विजेता रही। खबर लिखे जाने तक गोवा और कोल्हापुर की टीम के बीच कांटे का मुकाबला जारी था।
खो-खो फेडरेशन मध्यप्रदेश के सचिव संजय यादव ने बताया कि प्रतियोगिता के मैच दिन औंर रात के आधार पर खेले जाएंगे। इसमें प्रत्येक गु्रप की टॉप टू टीम क्वार्टर फाइनल मुकाबले में प्रवेश करेंगी।
स्थानीय खिलाडिय़ों का बढ़ता है मनोबल
शहर में पहली बार किसी राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है। इससे पहले राज्यस्तरीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन मंडीदीप में ही हुआ। खेलों से जुड़े लोगों की माने तो इस तरह के आयोजन से स्थानीय खिलाडिय़ों में खेल भावना के साथ अनुशासन, खेल कौशल का विकास होता है।
शहर में पहली बार किसी राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है। इससे पहले राज्यस्तरीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन मंडीदीप में ही हुआ। खेलों से जुड़े लोगों की माने तो इस तरह के आयोजन से स्थानीय खिलाडिय़ों में खेल भावना के साथ अनुशासन, खेल कौशल का विकास होता है।