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मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले को बड़ी सौगात मिली है। एनएचएआई ने यहां के ब्यावरा अंडरपास को अपनी स्वीकृति दे दी है। यहां 4 लेन अंडरपास बनाया जाएगा जिसके नीचे से लोकल ट्रैफिक गुजरेगा। इसी के साथ राजगढ़ सहित कम से कम 3 जिलों के लोगों का सफर बहुत आसान और सुरक्षित हो जाएगा। अंडरपास नहीं होने से ब्यावरा के पास अरन्या जोड़ पर सालभर में 31 हादसे हो चुके हैं जिनमें 20 जानें जा चुकी हैं।
गुना-ब्यावरा 4 लेन के अरन्या जोड़ क्रॉसिंग हादसों का सबब बन गई है। ब्यावरा से गुना की ओर जाने वाले और कालीपीठ, अरन्या सहित कुछ निजी स्कूलों से ब्यावरा आने वाले वाहनों को हाइवे के रफ्तार से गुजरने वाले वाहनों का सामना करना पड़ता है। साथ ही रॉन्ग साइड में भी जाना पडता है। यही कारण है कि यहां हादसे होते रहते हैं।
एनएच ने सर्विस रोड तक क्रॉसिंग तक नहीं बनाए हैं। इसीलिए आम जनता की परेशानी बढ़ी है। वहां हर दिन खतरा उठाकर 100 से 120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से निकलने वाले वाहनों, ट्रक, कंटेनर इत्यादि से बचकर निकलना होता है।
स्वीकृ़त हुआ अंडर पास
लगातार हुए हादसों की रिपोर्ट और अन्य डेटाबेस के आधार पर नेशनल हाइवे अथोरिटी ऑफ इंडिया ने इस अंडरपास को स्वीकृति दी है। करीब दो साल से इसका सर्वे किया जा रहा था। सर्वे रिपोर्ट नेशनल हाइवे के दिल्ली ऑफिस में पहुंची, इसके बाद ही इसे मंजूरी मिली है।
अंडरपास करीब 32 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जाएगा। अंडरपास के नीचे से कालीपीठ, अरन्या और आस-पास का ट्रैफिक गुजरेगा। दोनों और सर्विस रोड भी बनेगी जोकि ब्यावरा से जोड़ दी जाएगी। इस पर ब्यावरा का स्थानीय ट्रैफिक भी डायवर्ट हो जाएगा और गुना-ग्वालियर जाने वाला ट्रैफिक अंडरपास के ऊपर से गुजरेगा। इस तरह अंडरपास से राजगढ के साथ ही गुना और ग्वालियर जिले के लोगों को भी सुविधा मिलेगी।
लगा रहे अड़ंगा
सूत्रों की मानें तो ब्यावरा बायपास और अरन्या जोड़ के उक्त स्थान के आस-पास बेशकीमती जमीनें हैं। अंडरपास बनने की सूचना से कई जमीन मालिकों की चिंता बढ़ी है। ऐसे में तरह-तरह की जानकारियां बटोरकर और राजनीतिक प्रभाव से इस योजना में अड़ंगा लगाने की भी कवायद की जा रही है।
हालांकि प्रशासनिक स्तर पर अंडरपास फाइनल हो चुका है इसके बावजूद आस-पास के जमीन मालिक इसे टालने की प्लानिंग में लगे हैं। जमीन मालिकों को इस बात की चिंता है कि उनकी जमीनों के दाम गिर जाएंगे।
अंडरपास को स्वीकृति मिल चुकी है
एनएचएआई भोपाल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर देव नुवल के मुताबिक अंडरपास को स्वीकृति मिल चुकी है। कुछ कागजी खानापूर्तियां और विभागीय प्रक्रिया ही शेष है। एनएच ने अन्य जगहों के लिए भी अंडरपास फाइनल किए हैं।
फैक्ट-फाइल
31 हादसे अकेले अरन्या जोड़ पर
20 लोगों की हो चुकी है मौत
300 से अधिक दो पहिया वाहनों की क्रॉसिंग
200 से अधिक चार पहिया, लोडिंग, ट्रैक्टर की क्रॉसिंग
32 करोड़ की लागत का अंडरपास स्वीकृत
(नोट : आंकड़े पुलिस और एनएच की एजेंसी के अनुसार)
Updated on:
02 Dec 2024 02:38 pm
Published on:
01 Dec 2024 09:42 pm
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