दो साल से तोड़ रहे शर्त, नहीं दिया नोटिस तक
अक्टूबर 2016 में शहर में 102 मिडी बसें चलाने के लिए टेंडर जारी किए गए। श्री दुर्गम्बा को 54 और एपी मोटर्स को 48 बसें चलाने के लिए टेंडर मिला। कम्पनियों को चार महीने के अंदर बसें संचालित करनी थी। दोनों कम्पनियों ने तीन महीने में 62 मिडी बसें तो चला दी, लेकिन 40 नहीं चलाई। इसके बाद दो साल तक टेंडर की शर्तों का उल्लंघन चलता रहा। बीसीएलएल के जिम्मेदार अधिकारियों ने भी उस ओर से आंखें फेर ली।
अक्टूबर 2016 में शहर में 102 मिडी बसें चलाने के लिए टेंडर जारी किए गए। श्री दुर्गम्बा को 54 और एपी मोटर्स को 48 बसें चलाने के लिए टेंडर मिला। कम्पनियों को चार महीने के अंदर बसें संचालित करनी थी। दोनों कम्पनियों ने तीन महीने में 62 मिडी बसें तो चला दी, लेकिन 40 नहीं चलाई। इसके बाद दो साल तक टेंडर की शर्तों का उल्लंघन चलता रहा। बीसीएलएल के जिम्मेदार अधिकारियों ने भी उस ओर से आंखें फेर ली।
इन चार रूट्स नहीं चली
मिडीरूट क्रमांक- कहां से कहां तक- कितनी बसें चलनी थीं
302- आइएसबीटी से सैरसपाटा- आठ
305- भौंरी से हलालपुरा- आठ
308- संस्कार उपवन से एम्स-आठ
310- बर्रई से रेलवे स्टेशन – 11
301- संस्कार उपवन (कोलार रोड ) से नादरा- 4
कुल बसें गायब- 40
मिडीरूट क्रमांक- कहां से कहां तक- कितनी बसें चलनी थीं
302- आइएसबीटी से सैरसपाटा- आठ
305- भौंरी से हलालपुरा- आठ
308- संस्कार उपवन से एम्स-आठ
310- बर्रई से रेलवे स्टेशन – 11
301- संस्कार उपवन (कोलार रोड ) से नादरा- 4
कुल बसें गायब- 40
नहीं किया आठ करोड़ का निवेश
रूट नम्बर 301 पर 15 बसें चलनी थी। इस रूट सहित कुछ रूट्स पर कम बसें चलाई जा रही हैं, जिसके चलते 40 बसें गायब हैं। तय कीमत 20 लाख के हिसाब से ही कम्पनी ने आठ करोड़ से अधिक का निवेश नहीं किया है। करोड़ों रुपए दबाकर जनता की सुविधा छीनने वाली कम्पनी पर अधिकारी कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं।
रूट नम्बर 301 पर 15 बसें चलनी थी। इस रूट सहित कुछ रूट्स पर कम बसें चलाई जा रही हैं, जिसके चलते 40 बसें गायब हैं। तय कीमत 20 लाख के हिसाब से ही कम्पनी ने आठ करोड़ से अधिक का निवेश नहीं किया है। करोड़ों रुपए दबाकर जनता की सुविधा छीनने वाली कम्पनी पर अधिकारी कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं।
बीसीएलएल डायरेक्टर केवल मिश्रा ने बताया कि हां इन बसों के नहीं चलने की जानकारी है। कुछ फंड्स की भी समस्या थी। हमने कम्पनियों को नोटिस जारी किए हैं। अगले एक महीने में सभी बसें चलने लगेंगी।
भौंरी और इसके आसपास के इलाके में डेढ़ दर्जन से अधिक कॉलोनियां विकसित हो चुकी हैं। यहां दो लाख से अधिक की आबादी मिडी बसें न मिलने से सार्वजनिक परिवहन की सेवा से वंचित हैं। इसी तरह सैरसपाटा के पास से कुछ बसों का रूट्स तो है, लेकिन बसें सैर सपाटा के पास बसे गांवें तक नहीं पहुंचती। यहां की 50 हजार से अधिक आबादी भी कटी हुई है। बर्रई क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक कॉलोनियों के डेढ़ लाख से अधिक लोगों को मिडी बस की सुविधा मिलती। कोलार के संस्कार उपवन इलाका भी एम्स और पुराने शहर से जुड़ता तो एक लाख से अधिक की आबादी को फायदा मिलता।