प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन वर्ष 2014 में शुरू हुआ था। इस अभियान में सर्वे किया गया। इस दौरान यह पाया गया कि 90 लाख 56 हजार घरों में से 63 लाख घरों में शौचालय नहीं था। इनके लिए प्रति परिवार 12 सौ रुपए के हिसाब स्वच्छता मिशन ने राशि जारी की। मैदानी अधिकारियों ने जनवरी 2019 को विभाग को बताया कि प्रदेश के 90 लाख 51 हजार घरों में 2018 तक शौचालय बनाया गया है।
इसके बाद मिशन ने मार्च 2019 में स्वच्छताग्राहियों से इसकी जांच कराई तो पाया कि साढ़े 90 लाख 51 हजार में से 4 लाख 51 हजार घरों में शौचालय ही नहीं हैं। इसमें से 4 लाख 6 हजार हितग्राहियों को राशि भी जारी की गई थी। मैदानी अधिकारियों ने विभाग को बताया कि 57 हजार लोगों ने खुद के पैसे से शौचालय बनवाया है। बताया जाता है कि इन में से एक लाख 87 हजार शौचालय 2014 के पहले के हैं।
विशेष जांच में शुरू कलेक्टरों ने दिसम्बर से विशेष जांच शुरू कर दी है। यहा जांच कलेक्टरों ने अपने स्तर पर दोबारा 90 लाख 56 हजार घरों में जाकर की जा रही है। अभी तक 34 हजार घरों के सत्यापन में पाया गया है कि 468 घरों में शौचालय सही में नहीं हैं। इसमें हितग्राहियों और अधिकारियों की जांच पड़ताल भी की जा रही है। यह देखा जा रहा है कि जियो टेगिंग में जो हितग्राहियों और शौचालय की फोटो डाली गई है वह कहां की है और किसकी है। शौचालय बनाने की राशि किसके खाते में डाली गई है।
11 लोगों पर एफआईआर
पैसा लेने के बाद शौचालय नहीं बनाने अथवा फर्जी तरीके से पैसा लेने वाले 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। वहीं दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी तैयारी की जा रही है। उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की है जिन्होंने ऐसे घरों में शौचालय होने बताया गया है जहां शौचालय नहीं बनाए गए थे। बताया जाता है कि इन घरों के फर्जी तरीके से फोटो और हितग्राहियों की नाम और फोटो भी स्वच्छता मिशन में अपलोड कर दिया था।
पैसा लेने के बाद शौचालय नहीं बनाने अथवा फर्जी तरीके से पैसा लेने वाले 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। वहीं दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी तैयारी की जा रही है। उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की है जिन्होंने ऐसे घरों में शौचालय होने बताया गया है जहां शौचालय नहीं बनाए गए थे। बताया जाता है कि इन घरों के फर्जी तरीके से फोटो और हितग्राहियों की नाम और फोटो भी स्वच्छता मिशन में अपलोड कर दिया था।
साढ़ चार लाख अनुपयोगी मिले सर्वे में साढ़े चार लाख घरों में बनाए गए शौचालय अनुपयोगी मिले हैं। स्वच्छताग्रही इन परिवारों को शौचालय उपयोग करने और खराब शौचालयों को रिपेयर करने के लिए पंचायत विभाग से कहा है। बताया जाता है कि ज्यादातर अनुपयोग शौचालय वर्ष 2015 से पहले के हैं।
अरुण यादव ने किया ट्वीट, जांच की मांग- पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने इस मामले पर ट्वीट किया है। यादव ने लिखा है कि जब वे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे, तब भी भाजपा सरकार के इस घोटाले का मुद्दा उठा था। यादव ने पत्रिका से कहा कि भाजपा सरकार ने हर योजना में घोटाला किया है, जिसका पर्दाफाश अब धीरे-धीरे हो रहा है। ऐसे ही घोटालों से जनता का पैसा खाकर भाजपा के नेता करोड़पति बने हैं। ऐसे घोटालों की बारीकी से जांच होनी चाहिए।