यह निर्णय जुलाई में आयोजित की गई विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद में लिया गया। बता दें बरकतउल्ला विवि ने ‘विश्वविद्यालयों को अधोसंरचना अनुदान’ के तहत 20 करोड़ रुपए पाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय को आवेदन दिया है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत 25 मई को आयोजित की गई 12वीं पीएबी बैठक में विवि को दी जाने वाली इस राशि के लिए सर्शत अनुमति दी गई है। जिसमें शर्त यह है कि भारत सरकार से अनुदान राशि प्राप्त करने के लिए विवि में स्वीकृत शिक्षकों के 67 प्रतिशत पद भरे होने चाहिए। ऐसा नहीं होने पर विवि को मिलने वाली यह राशि अन्य विश्वविद्यालयों को प्रदान कर दी जाएगी।
बीयू में स्वीकृत पदों की वर्तमान स्थिति के अनुसार यहां पर अभी भी लगभग 42 प्रतिशत शैक्षणिक पद रिक्त हैं। जिसमें प्राध्यापक, सह-प्राध्यापक और सहायक प्राध्यापक के पद शामिल हैं।
विश्वविद्यालयों का श्रेणीकरण विनियम 2018 के अनुसार नैक द्वारा विवि को ग्रेड प्रदान की जानी है। इसमें 3.51 अथवा उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले विवि को श्रेणी-1, 3.26 से 3.50 तक अंक प्राप्त करने वाले विवि को श्रेणी-2 एवं 3.26 से अंक वालों को श्रेणी-03 घोषित किया जाना है। बरकतउल्ला विवि भी नैक से श्रेणी-01 पाने की कोशिश कर रहा है। इसमें सबसे बड़ी बाधा स्थायी शिक्षकों के रिक्त पद और इंफ्रास्ट्रक्चर है।
हालांकि विवि द्वारा प्रतिनियुक्ति से शिक्षकों के पद भरने संबंधी प्रयास में अपने-पराए का खेल खेले जाने की आशंका है। जानकारों का मानना है कि इस बात की संभावना है कि तमाम कॉलेजों से ऐसे लोगों को विवि में प्रतिनियुक्ति के नाम पर बुलाया जा सकता है जो वर्षों से भोपाल आना चाहते हैं, लेकिन नौकरी के चलते नही आ पा रहे। ऐसे में योग्य लोगों की जगह जुगाड़ वाले लोगों के आने की संभावना अधिक है।