scriptनगर निगम के 85 वार्ड में से 42 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित | 42 of the 85 municipal ward wards reserved for women | Patrika News

नगर निगम के 85 वार्ड में से 42 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित

locationभोपालPublished: Sep 17, 2020 11:15:24 pm

– वार्ड आरक्षण प्रक्रिया के बाद उठने लगे विरोध के स्वर, कांग्रेसी बोले करेंगे शिकायत, परिसीमन पर भी उठाए सवाल

नगर निगम के 85 वार्ड में से 42 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित

नगर निगम के 85 वार्ड में से 42 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित

 

भोपाल. राजधानी में नगर निगम चुनावों को लेकर गुरुवार को वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो गई। 85 वार्ड में से 42 महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। इसमें से सामान्य महिला के 24, ओबीसी महिला के 11, एसटी महिला का 1, एससी महिला के 6 वार्ड हैं। इस तरह कुल 42 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। सामान्य पुरुष वार्डों की संख्या 26 है, इस तरह कुल वार्डों की संख्या 50 हो गई है। 10 वार्ड ओबीसी के पुरुष हैं, टोटल वार्ड संख्या 21 है। एसटी में एक वार्ड पुरुष का है। एससी में टोटल 12 वार्ड हैं जिसमें से 6 पुरुष हैं। इस बदलाव को ज्यादातर लोग सही मान रहे हैं। जिला कांग्रेस कमेटी भोपाल के जिला कार्यकारी अध्यक्ष राहुल राठौर का कहना है कि वे इस वार्ड आरक्षण प्रक्रिया का विरोध करेंगे। जरूरत पडै़ी तो कोर्ट में जाएंगे।

इनके भी वार्ड महिला हुए-

– कांग्रेस पार्षद गुड्डू चौहान का वार्ड 46 सामान्य महिला हुआ

– नेता प्रतिपक्ष मोहम्मद सगीर का वार्ड महिला हुआ

– कांग्रेस पार्षद अमित शर्मा का वार्ड 31 महिला हुआ

– पूर्व नगर निगम अध्यक्ष सुरजीत सिंह का वार्ड महिला हुआ

– केवल मिश्रा बीजेपी पार्षद का वार्ड महिला हुआ

– एमआईसी सदस्य कृष्ण मोहन सोनी का वार्ड महिला हुआ

परिसीमन न करने पर जताया विरोध

कांग्रेस नेता सुशील शर्मा का कहना है कि बिना परिसीमन के वार्ड आरक्षण किया गया है। इसका वे विरोध करेंगे। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की वजह से वार्ड- 25, 31 और 32 में सरकारी आवासों को तोड़ा गया है, जिससे यहां रहने वाले लोगों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया है। ऐसे में वार्डों की जनसंख्या के हिसाब से तीनों वार्डों की जनसंख्या में असमानता है। इसलिए इन वार्डों का परिसीमन किया जाना चाहिए। इस संबंध में जबलपुर कोर्ट में भी याचिका दायर की गई जिसमें कलेक्टर भोपाल को आदेश दिए गए हैं कि वे परिसीमन के आवेदन पर एक माह में निर्णय लें। उप जिला निर्वाचन अधिकारी संजय श्रीवास्तव का कहना है कि वे इसका निराकरण कर चुके हैं। इधर आपत्तिकर्ता इसे कोर्ट की अवमानना बता रहे हैं।

कई लोग बोले मेहतने पर पानी फिर गया

टीटी नगर स्थित समन्वय भवन में जैसे-जैसे वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होती जा रही थी अधिकांश पुरुष और महिला पार्षद आपस में चर्चा कर रहे थे कि ऐसे तो पानी फिर गया। इसमें सबसे ज्यादा स्थिति खराब उत्तर और मध्य विधानसभा में हुई है। यहां प्रत्याशी चयन करने को लेकर भारी मश्कत्त पार्टिंयों को करनी होगी। ऐसे ही नलेरा, गोविंदपुरा का गणित भी गड़बड़ाएगा।

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