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सवा चार हजार वोट और मिल जाते तो शिवराज फिर होते सरताज

locationभोपालPublished: Dec 19, 2018 08:03:45 am

दस विधानसभाओं में एक हजार से भी कम रहा जीत हार का अंतर

patrika

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भोपाल। मध्यप्रदेश इस विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर रही और इसमें भाजपा 7 सीटों से पिछड़ गई और सत्ता हाथ से निकल गई। हालांकि पूर्ण बहुमत न होने के बाद भी कांग्रेस साथियों के सहयोग से सरकार बनाने में सफल रही, क्योंकि कांग्रेस के पास भाजपा से अधिक सीटें रहीं। ये सात सीटें ऐसी थीं जिसमें भाजपा बहुत ही कम अंतर से हारी। इनकी हार का अंतर ४३३७ वोट है। यदि ये वोट मिल जाते तो भाजपा की सरकार बन जाती और शिवराज चौथी बार मुख्यमंत्री होते।
मध्यप्रदेश में बहुमत के लिए ११६ सीटें चाहिए थीं जबकि भाजपा को मात्र १०९ सीटें मिलीं यानी बहुमत से ७ सीटें कम। यदि ये सात सीटें मिल जाती तों भाजपा बहुमत में होती। ये सभी कम अंतर वाली सीटें। एक हजार से कम अंतर वाली सीटों की संख्या तो वैसे दस है लेकिन सात सीटें इससे भी कम अंतर की हैं। इन सात सीटों में सबसे अंतर की सीट ग्वालियर दक्षिण विधानसभा रही। यहां कांग्रेस के प्रवीण पाठक ने भाजपा के नारायण सिंह कुशवाहा को मात्र १२१ वोट से हरा दिया। यह प्रदेश में जीत का सबसे कम अंतर रहा। वहीं मंदसौर जिले की सुवासरा में कांग्रेस के हरदीप सिंह ने भाजपा के राधेश्याम पाटीदार को ३५० वोट से मात दी। ब्यावरा में कांग्रेस के गोवर्धन दांगी ने भाजपा के नारायण पंवार को ८२६, दमोह में कांग्रेस के राहुल सिंह ने भाजपा के जयंत मलैया को ७९७, जबलपुर उत्तर में विनय सक्सेना ने शरद जैन को ५७८ वोट से हार का मजा चखा दिया। आश्चर्य है इनमें तीन राज्य सरकार के मंत्री रहे हैं। वहीं राजनगर में कांग्रेस के विक्रम सिंह ने भाजपा के अरविंद भदौरिया को ७३२, राजपुर में बाला बच्चन ने भाजपा के देवी सिंह पटेल को ९३२ वोट से हराया। इन सातों सीटों में हार का अंतर देखा जाए तो यह कुल ४३३७ वोट होता है। भाजपा को इन विधानसभा सीटों पर जीत मिल जाती तो सरकार बनना तय थी।
सत्ता गई वोट शेयर भी कम हुआ –
इस विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का समाना करना पड़ा और सत्ता हाथ से गई वहीं वोट शेयर भी आश्चर्य ढंग से कम हुआ। वर्ष २०१३ में भाजपा को ४४.८७ प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि इस चुनाव यह घटकर ४१.१ प्रतिशत हो गया। वहीं कांग्रेस के वोट प्रतिशत में ४.६२ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। पिछले चुनाव में कांग्रेस को ३६.३८ प्रतिशत वोट मिले थे जबकि इस बार यह बढ़कर ४१ प्रतिशत हो गया।
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एक हजार से कम अंतर वाली सीटें

विधानसभा – वोट का अंतर – विजेता
ग्वालियर दक्षिण- —–121——-कांग्रेस

सुवासरा ———- 350——-कांग्रेस
जबलपुर उत्तर——- 578 ——-कांग्रेस

राजनगर———– 732 ——-कांग्रेस
दमोह———— 798 ——-कांग्रेस

ब्यावरा———— 826——-कांग्रेस
राजपुर ——-932——- कांग्रेस
बीना————– 632 ——बीजेपी
जावरा ———— 511——- बीजेपी

कोलारस———— 720 —— बीजेपी

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