प्रमुख बस ऑपरेटर पर बकाया राशि निकालने के बाद आरटीओ फ्लाइंग स्क्वॉड ने इनके वाहनों को जब्त कर लिया था बावजूद कंपनियों के नाम पर बुकिंग लेने की सूचनाएं मिल रही थीं। जांच में सामने आया कि ऑपरेटरों ने टैक्स चोरी करने अपने रिश्तेदारों के नाम बसें रजिस्टर्ड करवा रखीं थीं जिनकी ऑपरेटिंग कंपनियों का जिक्र रजिस्ट्रेशन शपथ पत्र में नहीं किया गया था। इस फर्जीवाड़े के चलते परिवहन विभाग को चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में लगभग 48 करोड़ रुपए टैक्स की चपत लगाने की तैयारी थी।
टोल प्लाजा पर बसों को रोककर की जब्ती
बकाया टैक्स नोटिस जारी होने के सात दिनों के अंदर 3 लाख 80 हजार रुपए बकाया टैक्स जमा नहीं करने वाले राइन ट्रैवल्स के खिलाफ गुरुवार को कार्रवाई की गई। ऑपरेटर की बसों को जब्त करने के लिए टीम ने दोपहर में नादरा बस स्टैंड पर छापा मारा। यहां पहुंचने पर पता चला कि बसों को गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया है। आरटीओ ने सूचना इंदौर राजमार्ग पर टोल प्लाजा मैनेजर को भेजकर बसों के नंबर नोट करवाए और इन्हें रुकवाने में सहायता मांगी। मौके पर टीम के पहुंचने तक बसों को खड़ा रखा गया। परिवहन विभाग ने मौके पर बसों को दस्तावेजों में जब्त दर्ज कर यात्रियों की सुविधा के लिहाज से रवाना किया।
बकाया टैक्स नोटिस जारी होने के सात दिनों के अंदर 3 लाख 80 हजार रुपए बकाया टैक्स जमा नहीं करने वाले राइन ट्रैवल्स के खिलाफ गुरुवार को कार्रवाई की गई। ऑपरेटर की बसों को जब्त करने के लिए टीम ने दोपहर में नादरा बस स्टैंड पर छापा मारा। यहां पहुंचने पर पता चला कि बसों को गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया है। आरटीओ ने सूचना इंदौर राजमार्ग पर टोल प्लाजा मैनेजर को भेजकर बसों के नंबर नोट करवाए और इन्हें रुकवाने में सहायता मांगी। मौके पर टीम के पहुंचने तक बसों को खड़ा रखा गया। परिवहन विभाग ने मौके पर बसों को दस्तावेजों में जब्त दर्ज कर यात्रियों की सुविधा के लिहाज से रवाना किया।
मुख्य बस ऑपरेटरों पर बकाया
अनिल वर्मा-12 लाख
वीरेंद्र राय-12 लाख
राजेंद्र शर्मा-28 लाख
राम कुमार शर्मा-26 लाख
ताहिर हसन- 41 लाख
राजेश सिंह-18 लाख
नरेंद्र रत्नावत-35 लाख
रमेश कटियार-7 लाख बस ऑपरेटरों ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर वाहन दर्ज करवाए थे जिन्हें एक ही कंपनी के नाम से संचालित किया जा रहा था। लगभग 48 करोड़ रुपए की रिकवरी के लिए कार्रवाई जारी है।
संजय तिवारी, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी
अनिल वर्मा-12 लाख
वीरेंद्र राय-12 लाख
राजेंद्र शर्मा-28 लाख
राम कुमार शर्मा-26 लाख
ताहिर हसन- 41 लाख
राजेश सिंह-18 लाख
नरेंद्र रत्नावत-35 लाख
रमेश कटियार-7 लाख बस ऑपरेटरों ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर वाहन दर्ज करवाए थे जिन्हें एक ही कंपनी के नाम से संचालित किया जा रहा था। लगभग 48 करोड़ रुपए की रिकवरी के लिए कार्रवाई जारी है।
संजय तिवारी, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी