बच्चों पर ध्यान न देने से बच्चों के बिगड़ने का खतरा बढ़ जाता है। अगर शुरुआत में ही इन आदतों पर ध्यान दें, तो बच्चों को बिगड़ने से बचाया जा सकता है। इसलिए अभी से सतर्क हो जाइए और बच्चों की इन 5 आदतों पर पैनी नजर रखिए, नहीं तो बाद में पछतायेंगे….
1. बच्चों का जिद करना
अधिकांश बच्चे जरूरत पूरी करवाने के लिए जिद अड जाते हैं। यदि आपका बच्चा किसी चीज के लिए जिद करते हुए खाना-पीना छोड़ दे, घंटों रोता रहे या खुद को नुकसान पहुंचाने की धमकियां दे, तो आप समझ जाइए की अब सख्ती की जरूरत है। हर बार बच्चों की जिद पूरी करना भी मां-बाप की एक बड़ी गलती होती है। इससे बच्चों में जिद करने की प्रवृत्ति बढ़ती है। और आगे चल कर बच्चों की जिद और बढ़ जाती है।
2. चोरी करना और झूठ बोलना
बच्चों का मन चंचल होता है। चंचलता के कारण कई बार बच्चे गलत आदतों के शिकार हो जाता है। जरूरते पूरी न होने पर पैसा चुरान और फिर झूठ बोलना शुरू कर देते हैं। ऐसी स्थिती में बच्चों पर निगरानी रखनी जरूरी है। चोरी करना बच्चे अक्सर दूसरे बच्चों से सीखते हैं। इसलिए अगर आपका बच्चा पैसों या सामान की चोरी करता है और झूठ बोलता है तो तुरंत बच्चों पर सख्ती के साथ बच्चों के संगति पर ध्यान दें।
3. मार-पीट करना
बच्चें मार-पीट करना अक्सर घर से सिखते हैं। मार-पीट करने की आदत और हिम्मत अक्सर बच्चों में अपने दोस्तों, घर-परिवार के लोगों या टीवी प्रोग्राम्स और फिल्में देखकर ही आती है। ध्यान रहे कि मार-पीट करने पर बच्चों को मारें नहीं, बल्कि उन्हें समझाएं। जिससे बच्चों में सकारात्मक सुधार हो।
4. दूसरों को चिढ़ाना
बच्चों को चिढ़ाने में मजा आता है। मगर ये गलत आदत है। ये आदत भी बच्चे ज्यादातर पास-पड़ोस के बच्चों और स्कूल के दोस्तों से सीखते हैं। अगर आपके बच्चे में भी ये आदत है, तो उसे प्यार से समझाएं और बताएं कि किसी को मुंह चिढ़ाना अच्छी बात नहीं है।
5. अभद्र भाषा का प्रयोग
बच्चा घर में अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहा है, तो समझ लें कि उसकी संगत गलत बच्चों के साथ है। कई बार बच्चे घर से भी गाली-गलौज और गंदी जबान सीखते हैं। इसलिए घर का माहौल अच्छा रखें। अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर बच्चों को तुरंत टोकना चाहिए। अपने बच्चे को ऐसे बच्चों और ऐसे माहौल से दूर रखें, जहां वो अभद्र भाषा सीखें।