scriptकेन्द्रीय कर्मचारियों का 5 फीसदी डीए बढ़ा, राज्य में बढ़ा दबाव | 5 DA increased of central employees, pressure increased in the state | Patrika News

केन्द्रीय कर्मचारियों का 5 फीसदी डीए बढ़ा, राज्य में बढ़ा दबाव

locationभोपालPublished: Oct 10, 2019 08:22:18 am

डीए के साथ एरियर भी चाहते हैं कर्मचारी

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भोपाल। केन्द्रीय कर्मचारियों के डीए में 5 प्रतिशत का इजाफा होने के बाद राज्य कर्मचारियों ने सरकार पर दबाव बनाया है। राज्य कर्मचारी भी केन्द्रीय कर्मचारियों के समान जुलाई माह से बढ़ा हुआ डीए चाहते हैं। कर्मचारियों का कहना है कि राज्य सरकार तीन माह का एरियर और अक्टूबर माह से बढ़ा हुआ भत्ता नगद दे।
राज्य कर्मचारियों को वर्तमान में केन्द्रीय कर्मचारियोंं के समान 12 प्रतिशत डीए मिल रहा है। लेकिन केन्द्र सरकार द्वारा डीए में इजाफा कर दिए जाने से राज्य कर्मचारी अब पांच प्रतिशत पीछे हो गए हैं। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार केन्द्र के समान डीए देने का वादा निभाए और राज्य कर्मचारियों को भी जुलाई माह से 5 प्रतिशत बढ़ा हुआ डीए दिया जाए।
3 प्रतिशत डीए का था प्रस्ताव –

राज्य कर्मचारियों कर्मचारियों को दीपावली बोनस के तौर पर एरियर देने की तैयारी कर रही थी। इसके लिए तीन प्रतिशत डीए का प्रस्ताव तैयार किया गया था। प्रयास था कि केन्द्र सरकार के पहले अपने कर्मचारियों को डीए घोषित करने से कर्मचारी खुश हो जाएंगे और एरियर भी नहीं देना पड़ेगा। लेकिन केन्द्र सरकार ने पांच प्रतिशत डीए घोषित कर राज्य सरकार का गणित फेल कर दिया। अब राज्य सरकार पर जुलाई माह से डीए बढ़ाने पर दबाव बना है।
5 प्रतिशत डीए बढऩे पर प्रतिमाह होगा लाभ –

प्रथम श्रेणी – 5000 से अधिक रुपए
द्वितीय श्रेणी – 3500 से 5000 रुपए
तृतीय श्रेणी – 1500 से 3500 रुपए
चतुर्थ श्रेणी – 1000 से 1500 रुपए
किसने क्या कहा —

केन्द्रीय कर्मचारियों के समान राज्य कर्मचारियों को डीए मिलता रहा है। जब जबकि केन्द्रीय कर्मचारियों के डीए में 5 प्रतिशत का इजापफा किया गया है तो राज्य कर्मचारियों को भी 5 प्रतिशत डीए मिलना चाहिए।
— लक्ष्मीनारायण शर्मा, महामंत्री तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ
कर्मचारियों के मामले में हमारी सरकार पीछे हटने वाली नहीं है, लेकिन अभी हमारी प्राथमिकता बाढ़ से प्रभावितों को राहत पहुंचाने की है। किसानों की फसल बर्वाद हो गई है, गरीब, मजदूरों के मकानों का नुकसान हुआ है। सड़कें की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। यह आर्थिक बोझ अचानक आ गया है। इसके बावजूद भी कर्मचारियों के हितों को भी ध्यान में रखा जाएगा। – तरुण भनोत, वित्त मंत्री मध्यप्रदेश शासन
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