script5 घंटे कैंसर की सर्जरी, छाती के मांस से बना दिया जबड़ा | 5 hours of cancer surgery, jaw made of chest meat | Patrika News

5 घंटे कैंसर की सर्जरी, छाती के मांस से बना दिया जबड़ा

locationभोपालPublished: Sep 11, 2018 01:27:30 am

Submitted by:

Rohit verma

सफलता: छह महीने में कैंसर पूरे मुंह में फैल गया था, हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने किया इलाज

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5 hours of cancer surgery, jaw made of chest meat

65 वर्षीय महिला को दी जिंदगी। हमीदिया अस्पताल में पहली बार हुआ मुंह के कैंसर का सफल ऑपरेशन
रोहित वर्मा
भोपाल. 65 साल की सावित्री बाई (परिवर्तित नाम) को छह माह पहले मुंह में छाले हुए। कुछ ही दिनों में छाला जबड़े में फैल गया। डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि सावित्री को मुंह का कैंसर है, वह भी अंतिम चरण में पहुंच चुका है। मुंह का मांस तक गलने लगा था। सावित्री ने हमीदिया अस्पताल के दंत रोग विभाग में डॉ. भावुक वानजा को दिखाया तो उन्होंने ऑपरेशन करने का फैसला किया। डॉ. वानजा के मुताबिक सावित्री का केस आम कैंसर के मामलों से थोड़ा अलग था। सिर्फ छह महीने में ही कैंसर अंतिम चरण में पहुंच गया था। ऐसे में ऑपरेशन ही एकमात्र उपाय था। हालांकि मरीज की उम्र को देखते हुए यह थोड़ा सा मुश्किल था। प्रदेश में यह पहला मौका है जब किसी सरकारी अस्पताल में इस तरह का जटिल ऑपरेशन हुआ है।
23 सेंटीमीटर काथा ट्यूमर
गांधी मेडिकल कॉलेज के सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद राय के मुताबिक इस ट्यूमर का आकार करीब को 23 सेंटीमीटर था। अमूमन इतने बड़े ट्यूमर को अलग अलग हिस्सों में निकाला जाता है। लेकिन इसमें ट्यूमर का कुछ हिस्सा छूट जाने का डर होता है। इसलिए पहली बार एक साथ पूरे ट्यूमर को अलग किया गया।
प्लास्टिक सर्जन की भूमिका भी निभाई
डॉ. वानजा ने बताया कि ऑपरेशन में सबसे बड़ी समस्या मरीज की उम्र थी। इस उम्र में इस तरह के ऑपरेशन करना थोड़ा मुश्किल होता है। हमने ऑपरेशन की तैयारी की। इसमें जबड़े का कैंसर ग्रसित हिस्सा अलग करना था और इसकी जगह नया मांस लगाना था। इसके लिए हमने मरीज की छाती से मांस निकालकर चेहरे का हिस्सा बनाया और मरीज को लगा दिया। इस पूरी प्रकिया में करीब पांच घंटे का समय लगा। डॉ. वानजा के मुताबिक यह ऑपरेशन खास था, क्योंकि इसमें प्लास्टिक सर्जन शामिल नहीं थे। इस तरह के ऑपरेशन में प्लास्टिक सर्जन का महत्पवूर्ण किरदार रहता है। बदकिस्मती से ऑपरेशन के दिन हमें प्लास्टिक सर्जन नहीं मिल सके। ऐसे में हमने ही प्लास्टिक सर्जरी भी की।
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